Importance Of Marriage: विवाह को लेकर क्या कहते हैं वेद? जानिए इस पवित्र मिलन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
सनातन धर्म में विवाह 16 संस्कारों में से एक माना गया है। वेदों के अनुसार शादी (Vedas On Marriage)के जरिए व्यक्ति अपने सभी कर्तव्यों को पूरा कर सकता है। इसके साथ ही यह पारिवारिक दायित्वों को पूरा करने में मदद करता है जो सृजन और पोषण के लिए बेहद जरूरी है तो आइए जानते हैं शादी को लेकर वेद क्या कहते हैं?
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sat, 02 Mar 2024 03:05 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vedas On Marriage: सनातन धर्म अपनी मान्यताओं के लिए जाना जाता है। यहां पूजा-पाठ, वेद, ग्रंथ आदि को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। वेदों में विवाह सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया गया है। वेदों के अनुसार, विवाह किसी भी व्यक्ति के जीवन में संपन्न होने वाले महत्वपूर्ण संस्कारों में से एक है। आइए जानते हैं विवाह के बारे में वेद (Vedas) क्या कहते हैं ?
पवित्र मिलन का प्रतीक है विवाह
विवाह (Vedas On Marriage) दो अनजान लोगों के बीच अनंत काल के लिए एक पवित्र मिलन है। इसके जरिए वर-वधू की सांसारिक और आध्यात्मिक विकास की दिव्य यात्रा शुरू होती है। साथ ही वे एक दूसरे का जीवन भर साथ देने का वादा करते हैं।
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कर्तव्य है विवाह
वेद के अनुसार, विवाह को जीवन का मुख्य कर्तव्य माना जाता है। किसी भी व्यक्ति के लिए शादी करना, बच्चे पैदा करना और अपने परिवार की परंपराओं (Importance Of Marriage) को आगे बढ़ाकर अपने पारिवारिक दायित्वों को पूरा करना मौलिक कर्तव्यों में से एक माना जाता है। वेद वैवाहिक कर्तव्यों को पूरा करते हुए धार्मिक जीवन जीने के महत्व पर भी जोर देते हैं।