Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश की विधिवत उपासना करने से कई प्रकार के रोग दोष और कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती। इस दिन पूजा-पाठ करने से पाप ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 02 Aug 2023 11:27 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में भगवान गणेश की उपासना का विशेष महत्व है। बता दें कि प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि के दिन संकष्टी या विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि चतुर्थी व्रत रखने से और इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही जीवन में आ रही काई प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत 04 अगस्त 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत 3 साल में एक बार रखा जाता है। इस विशेष पर जप-तप और पूजा-पाठ से साधकों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में भी बताया गया है कि चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से ग्रह दोष और पाप ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। माना जाता है कि गणेश भगवान की उपासना करने से राहु और केतु जैसे पाप ग्रहों के अशुभ प्रभाव भी समाप्त हो जाते हैं। आइए जानते हैं, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति के कुछ प्रभावशाली उपाय।
राहु और केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए त्रिभुवन संकष्टी पर करें यह उपाय
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:।
नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक:।।
धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:।
गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम्।।
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भगवान गणेश की उपासना के समय उनके 12 प्रमुख नामों का जाप करने से भी विशेष लाभ मिलता है। भगवान गणेश के प्रमुख 12 नाम हैं - सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्ण, लंबोदर, विकट, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन और विघ्ननाशन। बता दें कि इन नामों का जाप कम से कम 11 बार अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए और ग्रह दोष से मुक्ति प्राप्त करने के लिए संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन व प्रत्येक बुधवार के दिन 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप एक माला यानी 108 बार अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से साधक को सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विभुवन संकष्टी चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, श्रावण 'अधिक' मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 अगस्त को दोपहर 12:45 से शुरू होगी और इस तिथि का समापन 05 अगस्त सुबह 09:39 पर हो जाएगा। ऐसे में विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत 04 अगस्त 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर चंद्र दर्शन और चंद्र देव की उपासना का विशेष महत्व है। बता दें कि इस दिन चंद्रोदय रात्रि 09:20 पर होगा।
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