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Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: तीन साल में एक बार रखा जाता है यह व्रत, इस विधि से करें गणेश जी की उपासना

Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023 हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी व्रत का विशेष महत्व है। संकष्टि चतुर्थी व्रत के दिन भगवान गणेश की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। बता दें कि श्रवण अधिक मास में विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत रखा जाएगा। यह व्रत कल यानी 04 अगस्त 2023 के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ का विशेष लाभ प्राप्त होगा।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Thu, 03 Aug 2023 10:30 AM (IST)
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Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन इस विधि से करें भगवान गणेश की उपासना।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Vibhuvana Sankashti Chaturthi 2023: अधिक मास में पूजा-पाठ, जप-तप और व्रत का विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि पुरुषोत्तम या अधिक मास में व्रत एवं पूजा-पाठ करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है। बता दें कि अधिक मास 03 साल में एक बार आता है। साथ इसमें पड़ने वाले सभी व्रत एवं त्यौहार भी 3 सालों में एक बार ही रखे जाते हैं। इन्हीं में से एक है विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत श्रावण अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है। इस विशेष दिन पर गणेश जी की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और उन्हें सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत 2023 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण 'अधिक' मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 04 अगस्त को दोपहर 12:45 से शुरू होगी और 05 अगस्त सुबह 09:49 पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत 04 अगस्त 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर चंद्रदेव और भगवान गणेश की पूजा का महत्व है। इस दिन चंद्रदेव अर्घ्य प्रदान करने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। ऐसे में आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रोदय रात्रि 09:20 पर होगा। इस विशेष दिन पर शोभन योग का भी निर्माण हो रहा है, जो सुबह 06:14 तक रहेगा।

विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत पर रहेगा पंचक का साया

वैदिक पंचांग के अनुसार विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत के दिन पंचक और भद्रा का साया रहेगा। इस दिन भद्रा सुबह 05:44 से दोपहर 12:45 तक रहेगा और पंचक पूरे दिन रहेगा। लेकिन गणेश जी की उपासना के लिए पंचक मान्य नहीं होगा।

विद्वान संकष्टि चतुर्थी व्रत पूजा विधि

  • संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की साफ सफाई करें।

  • इस बात का ध्यान रखें कि पूजा के समय आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा में हो।

  • इसके बाद धूप-दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें और भगवान गणेश को दूर्वा, अक्षत, सिंदूर इत्यादि अर्पित करें।

  • इस दौरान 'ॐ गणेशाय नमः' या 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप निरंतर करते रहें।

  • पूजा के दौरान भगवान गणेश को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं।

  • शाम के समय व्रत कथा का पाठ करें और चंद्रदेव को अर्घ देकर व्रत का पारण करें।

विभुवन संकष्टी चतुर्थी व्रत महत्व

शास्त्रों में यह वर्णित है कि विभुवन संकष्टि चतुर्थी व्रत का पालन करने से भक्तों को सभी विपदाओं से मुक्ति प्राप्त हो जाती है और उन्हें बल, बुद्धि, विद्या एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को विधिवत पूरा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और कुंडली में उत्पन्न हो रहे कई प्रकार के ग्रह दोष व समस्याएं भी दूर हो जाती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।