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Vidur Niti: आपका जिंदगी बदल सकती हैं विदुर नीति की ये बातें, दिखाती हैं जीवन जीने की राह

महाभारत काल के महात्मा विदुर एक कुशाग्र बुद्धि वाले और दूरदर्शी व्यक्ति थे। विदुर नीति में महात्मा विदुर ने अपनी नीति में कई ऐसी बातें बताई हैं जो व्यक्ति के जीवन की कई समस्याओं का निवारण कर सकती हैं। ऐसे में आपको भी इन बातों को अपने जीवन में जरूर अपनाना चाहिए ताकि आप अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकें।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 09 Mar 2024 09:00 PM (IST)
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Vidur Niti: जीवन में आपनाएं विदुर नीति।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vidur Niti in Hindi: चाणक्य नीति की तरह ही विदुर नीति भी काफी प्रचलित है। महात्मा विदुर में अपनी नीति में ऐसी कई बातें बताई हैं, जिन्हें जीवन में उतार लिया जाए, तो कई तरह के लाभ देखने को मिल सकते हैं। असल में विदुर-नीति महाभारत युद्ध से पहले युद्ध के परिणाम को लेकर चिंतित महाराज धृतराष्ट्र और महात्मा विदुर के बीच का संवाद है।

न करें ऐसा कार्य

महात्मा विदुर कहते हैं, कि जिस धन को अर्जित करने से मन और शरीर को कष्ट हो, जिस कार्य में धर्म का उल्लंघन होता हो और यह जिस कार्य में व्यक्ति को शत्रु के आगे सिर झुकाना पड़े, ऐसे ऐसे कार्य का त्याग कर देना चाहिए।

छोड़ें ये आदतें

ऐसा व्यक्ति जो दूसरों से घृणा करता है, क्रोध करता है, अपने जीवन से असंतुष्ट है और हमेशा शक की भावना लिए रहता है, ऐसा व्यक्ति जीवन में हमेशा दुखी ही रहता है। इसलिए इन बुरी आदतों को जितना जल्दी हो सके छोड़ देना चाहिए।

ज्ञानी की परिभाषा

महात्मा विदुर ने अपनी नीति में एक ज्ञानी व्यक्ति की परिभाषा दी है। उनके अनुसार जो व्यक्ति मान-सम्मान की प्राप्ति पर ज्यादा उत्साहित न हो और अंदर किए जाने पर ज्यादा क्रोधित न हो। ऐसा व्यक्ति गंगा जी के कुंड के समान शांत होता है और ज्ञानी कहलाता है।

ऐसा व्यक्ति होता है मूर्ख

ज्ञानी व्यक्ति की तरह ही विदुर जी ने मूढ़ बुद्धि यानी मूर्ख व्यक्ति की परिभाषा दी है। उनके अनुसार जो व्यक्ति बिना बुलाए अंदर चला आता है, बिना पूछे बोलने लगता है और जो विश्वास करने योग्य नहीं है उस पर भी विश्वास कर लेता है वही व्यक्ति मूर्ख है।

इन चीजों से रहें दूर

महात्मा विदुर अपनी नीति में कहते हैं कि काम, क्रोध और लोभ यह तीन ऐसे नर्क हैं जो व्यक्ति के दुखों का कारण बनते हैं। साथ ही यह  व्यक्ति के नाश का भी कारण बन सकते हैं। इसलिए इन भावनाओं से जितना हो सके उतना दूर रहना चाहिए।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'