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Vidur Niti: किस तरह के व्यक्ति होते हैं ज्ञानी, ऐसे इंसान की संगति से रहें दूर

Vidur Niti विदुर नीति के हिसाब से व्यक्ति को कुछ लोगों से कोसों दूरी बनाकर रखनी चाहिए। विदुर की मानें तो व्यक्ति ऐसे लोगों से दूरी बनाकर नहीं रखेगा तो उसका जीवन बर्बाद होने में वक्त नहीं लगेगा। साथ ही जानेंगे कि ज्ञानी व्यक्ति कैसे होते हैं। व्यवहार होता है।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 13 Jan 2023 04:11 PM (IST)
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Vidur Niti: महाभारत काल से ही महात्मा विदुर की कही बातें लोग मानते आ रहे हैं।
नई दिल्ली, Vidur Niti: महाभारत काल से ही महात्मा विदुर की कही बातें लोग मानते आ रहे हैं। विदुर उस काल के बुद्धिजीवियों में से एक थे जिनके अंदर दूरदर्शिता भी थी। अपनी दूरदर्शिता की वजह से वे होने वाली घटनाओं के बारे में पहले से ही आभास कर लेते थे। महाभारत काल में विदुर और धृतराष्ट्र के बीच हुई बातों को ही विदुर नीति का नाम दिया गया है। विदुर नीति में हर तरह के व्यवहार के व्यक्ति का वर्णन है। आज हम विदुर नीति की सहायता से जानेंगे कि किस तरह के व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होते हैं।

ऐसे व्यक्ति होते हैं ज्ञानी

विदुर नीति के मुताबिक जो ज्ञानी व्यक्ति होते हैं वे बेकार की बातें न तो करते हैं और न ही वे बेकार की बातों में पड़ते हैं। वे सफल होने के बाद ही दूसरे को अपने कार्य के बारे में जानकारी देते हैं। ज्ञानी व्यक्ति दूसरों की बात को धैर्य से सुनते हैं और उनके विषय को समझने की कोशिश करते हैं। दूसरे के विषय को समझने के बाद ही ज्ञानी व्यक्ति अपनी राय देते हैं। वे कार्य को पूर्ण करने के लिए सही रास्ता चुनते हैं। वे अपनी बुद्धि से चलते हैं और इसलिए ऐसे व्यक्ति हमेशा ही सफल होते हैं।

इनसे रहें दूर

विदुर नीति की मानें तो हमें समाज में कुछ व्यक्तियों से बच कर भी रहना चाहिए। हमें जिन व्यक्तियों से बच कर रहना चाहिए उनमें लापरवाह, आलसी, क्रोधित और अनैतिक इंसान शामिल है। इन गुणों वाले व्यक्तियों से कोसों दूरी बनाकर रखें। इनमें लोभी, कामांध, भयभीत व्यक्ति भी शामिल हैं। ऐसे व्यक्ति न तो खुद जीवन में कभी आगे बढ़ते हैं न तो अपने साथ वाले व्यक्ति को कामयाबी हासिल करने देते हैं। इनकी संगति से दूर रहने में ही आपकी भलाई है। इस तरह के व्यक्ति अपने जीवन को कष्ट से भर लेते हैं।

धन का दुरुपयोग

विदुर नीति की मानें को अर्जित किए गए धन के दो सबसे बड़े दुरुपयोग होते हैं। यदि धन बिना आवश्यकता वाले इंसान के हाथ में चला जाए तो वह पानी की तरह बह जाता है। धन को जरुरतमंद केे पास ही होना चाहिए। इसके अलावा जरुरत पड़ने पर धन यदि जरूरतमंद के पास न पहुंच पाए तो भी ये धन का दुरुपयोग ही है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।