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Vinayak Chaturthi 2023: विनायक चतुर्थी पर करें भगवान गणेश को प्रसन्न, जानें पूजा का सही समय और नियम

Vinayak Chaturthi December 2023 बप्पा को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है जो भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं। अगर आपको लगता है कि आप जीवन में कहीं फंस गए हैं और आपको उस स्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है तो आपको भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 15 Dec 2023 08:54 AM (IST)
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Vinayak Chaturthi December 2023: यहां जानें बप्पा की पूजा का नियम
धर्म डेस्क, नई दिल्ली।Vinayak Chaturthi December 2023: सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का अपना एक धार्मिक महत्व है। इस विशेष दिन पर साधक भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हैं और आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर जाते हैं। चतुर्थी एक महीने में दो बार आती है, शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में। मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है।

विनायक चतुर्थी की पूजा का समय 

चतुर्थी तिथि की शुरुआत- 15 दिसंबर 2023 - रात्रि 10:30 बजे

चतुर्थी तिथि का समापन - 16 दिसंबर, 2023 - रात्रि 08:00 बजे

पूजा का समय -16 दिसंबर 2023 - सुबह 10:37 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक

विनायक चतुर्थी का महत्व

सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का बड़ा ही  महत्व है। यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। भगवान गणपति को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है, जो भक्तों के जीवन से सभी बाधाओं को दूर करते हैं।

अगर आपको लगता है कि आप जीवन में कहीं फंस गए हैं और आपको उस स्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा है, तो आपको भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, जो साधक पूरे मन से बप्पा की पूजा करते हैं, उन्हें सभी सांसारिक सुख का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में यह दिन हर भक्त के लिए बेहद ही खास होता है।

विनायक चतुर्थी की पूजा का सही तरीका

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • एक लकड़ी की चौकी पर गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • गाय के घी का दीया जलाएं, माला और दूर्वा घास अर्पित करें।
  • इस शुभ दिन पर विशेष प्रसाद चढ़ाने का विधान है, जो बूंदी का लड्डू या फिर मोदक होता है।
  • गणेश चालीसा का पाठ करें और भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें।
  • विधि अनुसार आरती करें।
  • चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोलें।
  • इस दिन सात्विक भोजन का ही उपयोग करें।
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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।