Vinayak Chaturthi 2024: चंद्र अर्घ्य के बाद विनायक चतुर्थी पर करें ये आरती, घर में सदैव रहेगा रिद्धि-सिद्धि का वास
विनायक चतुर्थी के दिन बप्पा की श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही ज्ञान सुख-शांति धन और यश में वृद्धि होती है। इस माह यह व्रत 10 जून यानी की आज के दिन रखा जा रहा है। ऐसे में यदि आप कामना रखते हैं कि आपके ऊपर विघ्नहर्ता की कृपा दृष्टि बनी रहे तो आपको इस दिन कठिन उपवास का पालन करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी का दिन अपने आप में बहुत खास होता है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए अच्छा माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन (Vinayak Chaturthi 2024) बप्पा की श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही ज्ञान, सुख-शांति, धन और यश में वृद्धि होती है। इस माह यह व्रत 10 जून, 2024 यानी की आज के दिन रखा जा रहा है।
ऐसे में यदि आप कामना रखते हैं कि आपके ऊपर विघ्नहर्ता की कृपा दृष्टि बनी रहे, तो आपको इस दिन कठिन उपवास का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। वहीं, पूजा का समापन सदैव आरती से करें, जो इस प्रकार है -
।।गणेश स्तोत्र।।
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥॥लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥॥नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥॥विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥॥जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥॥अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥