Vinayak chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश को अर्पित करें ये फूल, सुख-समृद्धि में होगी वृद्धि
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी के पर्व को महत्वपूर्ण माना गया है। यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। अगर आप विनायक चतुर्थी पर गणपति बप्पा को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पूजा के दौरान गणेश जी को प्रिय फूल अर्पित करें और भोग लगाएं। इससे पूजा सफल होगी। आइए जानते हैं प्रिय फूल और भोग के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayak Chaturthi 2024: प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। यह तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस बार विनायक चतुर्थी व्रत आज यानी 10 जून को किया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश की विशेष पूजा और व्रत करने से इंसान को जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है। साथ ही सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
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अर्पित करें ये फूल
- विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश को पारिजात का फूल अर्पित करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे इंसान को संतान की प्राप्ति होती है।
- इसके अलावा गणपति बप्पा को गेंदा का फूल भी अर्पित कर सकते हैं। माना जाता है कि इससे जातक को आर्थिक तंगी से मुक्ति मिल सकती है।
- अगर आप अपनी मनचाही मनोकामनाएं पूरी करना चाहते हैं, तो भगवान गणेश को पीला और लाल फूल अर्पित करें। क्योंकि उन्हें ये दोनों फूल प्रिय है। इससे जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून, 2024 दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो गई है । वहीं, इसका समापन अगले दिन 10 जून, 2024 दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा।भगवान गणेश जी के प्रिय भोग विनायक चतुर्थी के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें और उन्हें मोतीचूर के लड्डू, खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं। इससे प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
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