Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी आज, इस एक चीज से करें परहेज, नोट करें भोग और पूजा मुहूर्त
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का बड़ा धार्मिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। इस शुभ दिन पर जो साधक सच्ची श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और पवित्रता के साथ पूजा-पाठ के सभी नियमों का पालन करते हैं उन्हें कभी किसी चीज की परेशानी नहीं होती है। साथ ही सुख समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी का दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विनायक की पूजा करते हैं और सुबह से शाम तक अत्यधिक भक्ति और समर्पण के साथ उपवास रखते हैं। प्रतिमाह चतुर्थी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के दौरान आती है।
इस माह यानी सावन के महीने में यह 8 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से अत्यंत शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है।
पूजा मुहूर्त और शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, पूजा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 35 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं, इस शुभ अवसर पर शिव योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। इसके साथ ही इस तिथि पर सिद्ध योग का भी निर्माण हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक रहेगा। इसके अलावा विनायक चतुर्थी पर चन्द्रोदय सुबह 09 बजकर 06 मिनट पर हो चुका है।
भोग - लड्डु, केला और मोदक।
पूजा में न करें यह शामिल
तुलसी पत्र।
पूजा नियम
पूजा शुरू करने से पहले सुबह जल्दी उठें और पवित्र स्नान करें। अपने घर और मंदिर को अच्छी तरह साफ करें और गणेश जी के लिए भोग तैयार करें। एक वेदी लें और उस पर भगवान गणपति की एक प्रतिमा स्थापित करें। गणेश जी को गंगाजल से स्नान करवाएं। पीले वस्त्र अर्पित करें। सिंदूर का तिलक लगाएं और इत्र चढ़ाएं। पीले फूलों की माला, दुर्वा घास अर्पित करें। देसी गाय के घी का दीपक जलाएं। पूजा मुहूर्त के दौरान पूजा करें। गणेश जी का आह्वान करने के लिए गणेश मंत्रों का जाप और गणेश जी को प्रसन्न करने के लिए गणेश स्तोत्र का पाठ करें। विनायक कथा का पाठ कर आरती से पूजा को समाप्त करें। शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य अवश्य दें। अगले दिन गणेश प्रसाद से अपना व्रत खोलें। तामसिक गतिविधियों और भोजन से बचें। इस दिन ब्रह्मचर्य बनाए रखें। पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे और बड़ों का आशीर्वाद लें।भगवान गणेश पूजन मंत्र
- ऊँ गं गणपतये नमो नमः।
- ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥