Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी के दिन हो रहा है इन शुभ योग का निर्माण, इस दौरान की गई पूजा से मिलेगा अद्भुत लाभ
विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikata Sankashti Chaturthi 2024) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। संकष्टी का अर्थ है समस्याओं से मुक्ति। ऐसा कहा जाता कि इस उपवास को रखने भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं तो आइए इस दिन बनने वाले शुभ योग को जानते हैं जिसका ज्योतिष शास्त्र में बेहद महत्व है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। विनायक चतुर्थी का दिन बेहद महत्वपूर्ण और शुभ होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन (Vinayak Chaturthi 2024) गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से सभी कष्टों का अंत होता है। इस माह यह व्रत 10 जून, 2024 को रखा जाएगा। वहीं, इस दिन कई सारे शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है, तो आइए जानते हैं -
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विनायक चतुर्थी शुभ योग
ज्येष्ठ विनायक चतुर्थी पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। पंचांग के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, ध्रुव योग और पुष्य नक्षत्र का अद्भुत संयोग बन रहा है, जो बहुत ही खास मौके पर देखने को मिलता है। बता दें, ध्रुव योग भोर से शाम 04 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग सुबह 05 बजकर 23 मिनट से रात्रि 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
इसके अलावा पुष्य नक्षत्र सुबह से रात्रि 09 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ व नए कार्य किए जा सकते हैं।
विनायक चतुर्थी 2024 कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 09 जून, 2024 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन 10 जून, 2024 को दोपहर 04 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए विनायक चतुर्थी का व्रत 10 जून को रखा जाएगा।
यह भी पढ़ें: Jyeshtha Purnima 2024: ज्येष्ठ पूर्णिमा में नहीं करने चाहिए ये कार्य, यहां जानिए इस दिन से जुड़े नियमअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।