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Vinayak Chaturthi 2024: कब है सावन महीने की विनायक चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि (Vinayak Chaturthi 2024) का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 01 Aug 2024 08:54 PM (IST)
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Vinayak Chaturthi Lord Ganesh: विनायक चतुर्थी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayak Chaturthi 2024: हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही कर्ज की समस्या से मुक्ति मिलती है। अतः साधक चतुर्थी तिथि पर श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 07 अगस्त को देर रात 10 बजकर 05 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 09 अगस्त को देर रात 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त का समय रात 09 बजकर 27 मिनट पर है। साधक 08 अगस्त को चतुर्थी व्रत रख सकते हैं।

योग

सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर दुर्लभ शिव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर हो रहा है। इसके पश्चात सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही विनायक चतुर्थी पर रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग देर रात 11 बजकर 34 मिनट तक है। वहीं, दुर्लभ भद्रावास का भी संयोग विनायक चतुर्थी पर बन रहा है।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजे...

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 04 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 06 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 09 बजकर 27 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 17 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 04 मिनट से 07 बजकर 26 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 11 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।