Vinayaka Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर करें भगवान गणेश के नामों का जाप, जीवन में होगा शुभता का आगमन
आषाढ़ विनायक चतुर्थी के दिन श्री गणेश की पूजा का विधान है। वहीं इस दिन चंद्रमा दर्शन पूर्ण रूप से वर्जित है। माना जाता है इससे जातक को कलंक का सामना करना पड़ता है। इस बार यह व्रत (Vinayaka Chaturthi 2024 Puja) 9 जुलाई को रखा जाएगा ऐसे में इस तिथि पर बप्पा के 108 नामों का जाप अवश्य करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ विनायक चतुर्थी को बेहद शुभ माना गया है। इस माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन श्री गणेश की पूजा का विधान है। वहीं, इस दिन चंद्रमा दर्शन पूर्ण रूप से वर्जित है। माना जाता है इससे जातक को कलंक का सामना करना पड़ता है।
इस बार यह व्रत (Vinayaka Chaturthi 2024) 9 जुलाई को रखा जाएगा, ऐसे में इस तिथि पर बप्पा के 108 नामों का जाप अवश्य करें, जो बहुत फलदायी माना गया है।
श्री गणेश के 108 नाम -
1. बालगणपति : सबसे प्रिय बालक
2. भालचन्द्र : जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो
3. बुद्धिनाथ : बुद्धि के भगवान4. धूम्रवर्ण : धुंए को उड़ाने वाले5. एकाक्षर : एकल अक्षर6. एकदन्त: एक दांत वाले7. गजकर्ण : हाथी की तरह आंखों वाले8. गजानन: हाथी के मुख वाले भगवान
9. गजवक्र : हाथी की सूंड वाले10. गजवक्त्र: हाथी की तरह मुंह है11. गणाध्यक्ष : सभी जनों के मालिक12. गणपति : सभी गणों के मालिक13. गौरीसुत : माता गौरी के बेटे14. लम्बकर्ण : बड़े कान वाले देव15. लम्बोदर : बड़े पेट वाले16. महाबल : अत्यधिक बलशाली
17. महागणपति : देवादिदेव18. महेश्वर: सारे ब्रह्मांड के भगवान19. मंगलमूर्ति : सभी शुभ कार्यों के देव20. मूषकवाहन : जिनका सारथी मूषक है21. निदीश्वरम : धन और निधि के दाता22. प्रथमेश्वर : सब के बीच प्रथम आने वाले23. शूपकर्ण : बड़े कान वाले देव
24. शुभम : सभी शुभ कार्यों के प्रभु25. सिद्धिदाता: इच्छाओं और अवसरों के स्वामी26. सिद्दिविनायक : सफलता के स्वामी27. सुरेश्वरम : देवों के देव।28. वक्रतुण्ड : घुमावदार सूंड वाले29. अखूरथ : जिसका सारथी मूषक है30. अलम्पता : अनन्त देव।
31. अमित : अतुलनीय प्रभु32. अनन्तचिदरुपम : अनंत और व्यक्ति चेतना वाले33. अवनीश : पूरे विश्व के प्रभु34. अविघ्न : बाधाएं हरने वाले।35. भीम : विशाल36. भूपति : धरती के मालिक37. भुवनपति: देवों के देव।38. बुद्धिप्रिय : ज्ञान के दाता
39. बुद्धिविधाता : बुद्धि के मालिक40. चतुर्भुज: चार भुजाओं वाले41. देवादेव : सभी भगवान में सर्वोपरि42. देवांतकनाशकारी: बुराइयों और असुरों के विनाशक43. देवव्रत : सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले44. देवेन्द्राशिक : सभी देवताओं की रक्षा करने वाले
45. धार्मिक : दान देने वाले46. दूर्जा : अपराजित देव47. द्वैमातुर : दो माताओं वाले48. एकदंष्ट्र: एक दांत वाले49. ईशानपुत्र : भगवान शिव के बेटे50. गदाधर : जिनका हथियार गदा है51. गणाध्यक्षिण : सभी पिंडों के नेता52. गुणिन: सभी गुणों के ज्ञानी
53. हरिद्र : स्वर्ण के रंग वाले54. हेरम्ब : मां का प्रिय पुत्र55. कपिल : पीले भूरे रंग वाले56. कवीश : कवियों के स्वामी57. कीर्ति : यश के स्वामी58. कृपाकर : कृपा करने वाले59. कृष्णपिंगाश : पीली भूरी आंख वाले60. क्षेमंकरी : माफी प्रदान करने वाला
61. क्षिप्रा : आराधना के योग्य62. मनोमय : दिल जीतने वाले63. मृत्युंजय : मौत को हराने वाले64. मूढ़ाकरम : जिनमें खुशी का वास होता है65. मुक्तिदायी : शाश्वत आनंद के दाता66. नादप्रतिष्ठित : जिन्हें संगीत से प्यार हो67. नमस्थेतु : सभी बुराइयों पर विजय प्राप्त करने वाले68. नन्दन: भगवान शिव के पुत्र69. सिद्धांथ: सफलता और उपलब्धियों के गुरु70. पीताम्बर : पीले वस्त्र धारण करने वाले71. प्रमोद : आनंद 72. पुरुष : अद्भुत व्यक्तित्व73. रक्त : लाल रंग के शरीर वाले74. रुद्रप्रिय : भगवान शिव के चहेते75. सर्वदेवात्मन : सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकर्ता76) सर्वसिद्धांत : कौशल और बुद्धि के दाता77. सर्वात्मन : ब्रह्मांड की रक्षा करने वाले78. ओमकार : ओम के आकार वाले79. शशिवर्णम : जिनका रंग चंद्रमा को भाता हो80. शुभगुणकानन : जो सभी गुणों के गुरु हैं81. श्वेता : जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध हैं82. सिद्धिप्रिय : इच्छापूर्ति वाले83. स्कन्दपूर्वज : भगवान कार्तिकेय के भाई84. सुमुख : शुभ मुख वाले85. स्वरूप : सौंदर्य के प्रेमी86. तरुण : जिनकी कोई आयु न हो87. उद्दण्ड : शरारती88. उमापुत्र : पार्वती के पुत्र89. वरगणपति : अवसरों के स्वामी90. वरप्रद : इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता91. वरदविनायक: सफलता के स्वामी92. वीरगणपति : वीर प्रभु93. विद्यावारिधि : बुद्धि के देव94. विघ्नहर : बाधाओं को दूर करने वाले95. विघ्नहत्र्ता: विघ्न हरने वाले96. विघ्नविनाशन : बाधाओं का अंत करने वाले97. विघ्नराज : सभी बाधाओं के मालिक98. विघ्नराजेन्द्र : सभी बाधाओं के भगवान99. विघ्नविनाशाय : बाधाओं का नाश करने वाले100. विघ्नेश्वर : बाधाओं के हरने वाले भगवान101. विकट : अत्यंत विशाल102. विनायक : सब के भगवान103. विश्वमुख : ब्रह्मांड के गुरु104. विश्वराजा : संसार के स्वामी105. यज्ञकाय : सभी बलि को स्वीकार करने वाले106. यशस्कर : प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी107. यशस्विन : सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव108. योगाधिप : ध्यान के प्रभुयह भी पढ़ें: Mahadev Ki Aarti: भगवान शिव की पूजा के समय जरूर करें ये आरती, पूरी होगी मनचाही मुरादअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।