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Vinayaka Chaturthi 2024 List: साल 2024 में कब - कब है विनायक चतुर्थी? नोट करें सही तिथि

Vinayaka Chaturthi 2024 List विनायक चतुर्थी का व्रत ज्योतिष शास्त्र में बहुत शुभ माना जाता है। यह हर माह शुक्ल पक्ष के दौरान मनाया जाता है। इस दिन लोग गणेश जी के लिए उपवास रखते हैं और उनकी विधि अनुसार पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसे में साल 2024 में विनायक चतुर्थी किस - किस दिन है उसके बारे में जान लेते हैं जो इस प्रकार है -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Fri, 12 Jan 2024 10:57 AM (IST)
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Vinayaka Chaturthi 2024 List: साल 2024 में विनायक चतुर्थी कब - कब है उसके बारे में जान लेते हैं -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayaka Chaturthi 2024 List: सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का खास महत्व है। यह दिन भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। विनायक चतुर्थी हर माह शुक्ल पक्ष के दौरान आती है। इस विशेष दिन पर भक्त बप्पा के लिए उपवास रखते हैं और उनकी विधि अनुसार पूजा करते हैं।

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में भी जाना जाता है, वे इस स्वरूप में अपने भक्तों के जीवन के सभी विघ्न और बाधाएं दूर करते हैं। इस दिन का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है, इसलिए साल 2024 में विनायक चतुर्थी कब - कब है उसके बारे में जान लेते हैं -

विनायक चतुर्थी 2024 लिस्ट

  • पौष शुक्ल चतुर्थी- 14 जनवरी 2024।
  • माघ शुक्ल चतुर्थी -13 फरवरी 2024।
  • फाल्गुन शुक्ल चतुर्थी- 13 मार्च 2024।
  • चैत्र शुक्ल चतुर्थी -12 अप्रैल, 2024।
  • चतुर्थी तिथि समाप्त - 13 अप्रैल, 2024।
  • वैशाख शुक्ल चतुर्थी -11 मई 2024।
  • चतुर्थी तिथि समाप्त - 12 मई, 2024।
  • ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी- 10 जून 2024।
  • चतुर्थी तिथि समाप्त - 10 जून 2024।
  • आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी -9 जुलाई 2024।
  • श्रावण शुक्ल चतुर्थी -8 अगस्त, 2024।
  • भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी -7 सितंबर, 2024।
  • आश्विन शुक्ल चतुर्थी - 6 अक्टूबर, 2024।
  • कार्तिक शुक्ल चतुर्थी - 5 नवंबर, 2024।
  • मार्गशीर्ष शुक्ल चतुर्थी - 5 दिसंबर 2024।

विनायक चतुर्थी पूजा नियम

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और उनके समक्ष देसी घी का दीया जलाएं।
  • बप्पा को पीले फूलों की माला, दूर्वा घास और बूंदी के लड्डू, मोदक का भोग लगाएं।
  • भगवान गणेश के मंत्रों और चालीसा का पाठ करें।
  • अंत में आरती से पूजा का समापन करें।
  • व्रत रखने वाले व्रती शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत प्रसाद से खोलें।

भगवान गणेश के इन मंत्रों का करें जाप, दूर होगा जीवन का कष्ट

ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपति, ऋद्धि पति, सिद्धि पति. करो दूर क्लेश ।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।

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