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Vinayaka Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर इस विधि से करें पूजा, नोट करें शुभ मुहूर्त

आषाढ़ मास के विनायक चतुर्थी का व्रत शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि को रखा जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है। वहीं इस तिथि पर चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि इससे व्यक्ति को कलंक का सामना करना पड़ता है। हिंदू पंचांग के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत 9 जुलाई को रखा जाएगा।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 06 Jul 2024 11:19 AM (IST)
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Vinayaka Chaturthi 2024: कब है आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2024?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। आषाढ़ विनायक चतुर्थी को बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस माह शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। यह दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। वहीं, इस दिन चंद्रमा को देखना वर्जित माना गया है। कहा जाता है इससे व्यक्ति को कलंक का सामना करना पड़ता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह व्रत (Vinayaka Chaturthi 2024) बहुत शुभ माना जाता है, तो आइए इसकी तिथि और पूजा विधि जानते हैं -

कब है आषाढ़ विनायक चतुर्थी 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि की शुरुआत 9 जुलाई, 2024 दिन मंगलवार को सुबह 6 बजकर 08 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 10 जुलाई, 2024 दिन बुधवार को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर होगा। पंचांग के आधार पर विनायक चतुर्थी का व्रत 9 जुलाई को रखा जाएगा।

पूजा विधि

सुबह उठकर पवित्र स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। एक चौकी को साफ करें और उसपर बप्पा की प्रतिमा को स्थापित करें। तस्वीर को गंगाजल से साफ करें। सिंदूर का तिलक लगाएं। गेंदा की फूलों की माला और दुर्वा अर्पित करें। मोदक का भोग लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। भगवान गणेश के वैदिक मंत्रों का जाप करें। संकष्टी चतुर्थी व्रत कथा का पाठ समाप्त कर आरती करें।

अगले दिन व्रती प्रसाद से अपना व्रत खोलें। इसके साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि पूजा में तुलसी पत्र शामिल न हो। व्रती पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना करें।

भगवान गणेश पूजन मंत्र

त्रयीमयायाखिलबुद्धिदात्रे बुद्धिप्रदीपाय सुराधिपाय।

नित्याय सत्याय च नित्यबुद्धि नित्यं निरीहाय नमोस्तु नित्यम्।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।