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Vishwakarma Puja 2023: कब है विश्वकर्मा पूजा? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा महत्व

Vishwakarma Puja 2023 हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा की उपासना का विशेष महत्व है। बता दें कि भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। इस दिन ब्रह्मा जी के पुत्र की उपासना करने से आर्थिक व व्यवसायिक क्षेत्र में व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 16 Sep 2023 11:38 AM (IST)
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Vishwakarma Puja 2023 Date: कब है विश्वकर्मा पूजा?
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Vishwakarma Puja 2023 Date and Shubh Muhurat: भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के प्रथम शिल्पकार के रूप में पूजा जाता है। साथ ही प्रत्येक वर्ष कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, कन्या संक्रांति के दिन ब्रह्मा जी के पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। इन्हें स्वर्ग लोक, पुष्पक विमान, कुबेरपुरी जैसे सभी देवनगरी का रचनाकार कहा जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विश्वकर्मा की उपासना करने से व्यक्ति को कार्यक्षेत्र में आ रही परेशानियों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है और आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

विश्वकर्मा पूजा 2023 तिथि

विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष कन्या संक्रांति 17 सितंबर 2023, रविवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में विश्वकर्मा भगवान की पूजा भी इसी दिन की जाएगी। पंचांग के अनुसार, पूजा समय दोपहर 01 बजकर 43 मिनट रहेगा और इसी समय सूर्य गोचर करेंगे।

विश्वकर्मा पूजा 2023 शुभ योग

पंचांग में बताया गया है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन कई शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है। इस विशेष दिन पर हस्त और चित्रा नक्षत्र, साथ ही ब्रह्म योग, द्विपुष्कर योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।

ब्रह्म योग- पूरे दिन

द्विपुष्कर योग- सुबह 10 बजकर 02 मिनट से सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक

सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

अमृत सिद्धि योग- सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 02 मिनट तक

विश्वकर्मा पूजा महत्व

शास्त्रों में यह बताया गया है कि विश्वकर्मा पूजा के दिन कार्यस्थल पर और कारखानों में भगवान विश्वकर्मा की उपासना करने से व्यापार में वृद्धि होती है और आर्थिक उन्नति के मार्ग खुलते हैं। साथ ही कार्यस्थल पर सकारात्मक उर्जा का संचार होता है, जिससे कई प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।