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Vivah panchami 2023: दिसंबर महीने में कब है विवाह पंचमी? जानें, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व

Vivah panchami 2023 शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी परिणय सूत्र में बंधे थे। उस समय से हर वर्ष अगहन माह में विवाह पंचमी मनाई जाती है। महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना श्रीरामचरितमानस में राम विवाह का विस्तार से वर्णन किया है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 29 Nov 2023 07:35 PM (IST)
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Vivah panchami 2023: कब है विवाह पंचमी? जानें, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vivah panchami 2023: हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी मनाई जाती है। तदनुसार, इस वर्ष 17 दिसंबर को विवाह पंचमी है। शास्त्रों में निहित है कि त्रेता युग में मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और माता जानकी परिणय सूत्र में बंधे थे। उस समय से हर वर्ष अगहन माह में विवाह पंचमी मनाई जाती है। महाकवि गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपनी रचना श्रीरामचरितमानस में राम विवाह का विस्तार से वर्णन किया है। इस शुभ अवसर पर मिथिला समेत देश भर में राम विवाह का आयोजन किया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता और निकटता आती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है। आइए, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि संध्याकाल 08 बजे से शुरू होगी और अगले दिन यानी 17 दिसंबर को संध्याकाल 05 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 17 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। चूंकि, 16 दिसंबर को सूर्य मकर राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे। अतः विवाह पंचमी खरमास में मनाई जाएगी। इसके लिए विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्य इस दिन नहीं किए जाएंगे।

योग

ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी के दिन हर्षण योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। आसान शब्दों में कहें तो 18 दिसंबर को देर रात 12 बजकर 36 मिनट तक हर्षण योग है। इस योग में भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही इस दिन बालव और कौलव करण का भी निर्माण हो रहा है। ज्योतिष दोनों करणों को शुभ मानते हैं। 

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'