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Vivah panchami 2024 Date: दिसंबर महीने में कब है विवाह पंचमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

धार्मिक मत है कि राम परिवार की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के दुखों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही जीवन में यश कीर्ति और धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीराम (Vivah panchami 2024 Date) को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनके शरण में रहने वाले साधकों पर हमेशा हनुमान जी की असीम कृपा बरसती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 14 Nov 2024 02:14 PM (IST)
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Vivah panchami 2024 Date: विवाह पंचमी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के अगले दिन विवाह पंचमी मनाई जाती है। इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एवं जगत की देवी मां सीता परिणय सूत्र में बंधे थे। अतः हर वर्ष मार्गशीर्ष महीने में विवाह पंचमी (Vivah panchami 2024 Date) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही राम विवाह का भी आयोजन किया जाता है। मिथिला में विवाह पंचमी का विशेष महत्व है।  महाकवि गोस्वामी तुलसीदास ने अपनी रचना श्रीरामचरितमानस में भगवान श्रीराम के चरित्र का गुणगान विस्तार पूर्वक किया है। भगवान श्रीराम और मां जानकी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए, शुभ मुहूर्त, योग एवं धार्मिक महत्व जानते हैं-

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विवाह पंचमी शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 06 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मान है। अतः 06 दिसंबर को विवाह पंचमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान श्रीराम और मां सीता की शादी की वर्षगाँठ मनाया जाता है। आसान शब्दों में कहें तो शादी की सालगिरह मनाया जाता है।

योग

ज्योतिषियों की मानें तो विवाह पंचमी के दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा, शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान श्रीराम और माता जानकी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही दांपत्य जीवन में मधुरता और निकटता आएगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 07 बजे

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 24 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 11 बजकर 17 मिनट पर

चंद्रास्त- रात 10 बजकर 12 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 12 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक...

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।