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Vrishabha Sankranti 2024: वृषभ संक्रांति पर करें सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जप, करियर को मिलेगा नया आयाम

कुंडली में सूर्य ग्रह के मजबूत होने से जातक को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। सरकारी नौकरी के भी प्रबल योग बनते हैं। साथ ही कारोबार में बढ़ोतरी होती है। अतः ज्योतिष कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत करने की सलाह देते हैं। धार्मिक मत है कि सूर्य उपासना करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 13 May 2024 10:00 PM (IST)
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Vrishabha Sankranti 2024: वृषभ संक्रांति पर करें सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जप
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vrishabha Sankranti 2024: ज्योतिष गणना के अनुसार, 14 मई को वृषभ संक्रांति और गंगा सप्तमी है। इस दिन सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य के राशि परिवर्तन तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। वृषभ राशि में सूर्य देव के गोचर करने से राशिचक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में सूर्य ग्रह के मजबूत होने से जातक को करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। सरकारी नौकरी के भी प्रबल योग बनते हैं। साथ ही कारोबार में बढ़ोतरी होती है। अतः ज्योतिष कुंडली में सूर्य ग्रह मजबूत करने की सलाह देते हैं। धार्मिक मत है कि सूर्य उपासना करने से साधक को सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। अगर आप भी अपने करियर और कारोबार को ऊंचा मुकाम देना चाहते हैं, तो वृषभ संक्रांति तिथि पर विधि-विधान से सूर्य देव की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय सूर्य देव के 108 नामों का मंत्र जप करें।

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सूर्य देव के 108 नाम

1. ॐ नित्यानन्दाय नमः

2. ॐ निखिलागमवेद्याय नमः

3. ॐ दीप्तमूर्तये नमः

4. ॐ सौख्यदायिने नमः

5. ॐ श्रेयसे नमः

6. ॐ श्रीमते नमः

7. ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः

8. ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः

9. ॐ सम्पत्कराय नमः

10. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

11. ॐ तेजोरूपाय नमः

12. ॐ परेशाय नमः

13. ॐ नारायणाय नमः

14. ॐ कवये नमः

15. ॐ सूर्याय नमः

16. ॐ सकलजगतांपतये नमः

17. ॐ सौख्यप्रदाय नमः

18. ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः

19. ॐ भास्कराय नमः

20. ॐ ग्रहाणांपतये नमः

21. ॐ वरेण्याय नमः

22. ॐ तरुणाय नमः

23. ॐ परमात्मने नमः

24. ॐ हरये नमः

25. ॐ रवये नमः

26. ॐ अहस्कराय नमः

27. ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः

28. ॐ अमरेशाय नमः

29. ॐ अच्युताय नमः

30. ॐ आत्मरूपिणे नमः

31. ॐ अचिन्त्याय नमः

32. ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः

33. ॐ अब्जवल्लभाय नमः

34. ॐ कमनीयकराय नमः

35. ॐ असुरारये नमः

36. ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः

37. ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः

38. ॐ जगदानन्दहेतवे नमः

39. ॐ जयिने नमः

40. ॐ ओजस्कराय नमः

41. ॐ भक्तवश्याय नमः

42. ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः

43. ॐ शौरये नमः

44. ॐ हरिदश्वाय नमः

45. ॐ शर्वाय नमः

46. ॐ ऐश्वर्यदाय नमः

47. ॐ ब्रह्मणे नमः

48. ॐ बृहते नमः

49. ॐ घृणिभृते नमः

50. ॐ गुणात्मने नमः

51. ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः

52. ॐ भगवते नमः

53. ॐ एकाकिने नमः

54. ॐ आर्तशरण्याय नमः

55. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः

56. ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः

57. ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः

58. ॐ खद्योताय नमः

59. ॐ कनत्कनकभूषाय नमः

60. ॐ घनाय नमः

61. ॐ कान्तिदाय नमः

62. ॐ शान्ताय नमः

63. ॐ लुप्तदन्ताय नमः

64. ॐ पुष्कराक्षाय नमः

65. ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः

66. ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः

67. ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः

68. ॐ नित्यस्तुत्याय नमः

69. ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः

70. ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः

71. ॐ रुग्घन्त्रे नमः

72. ॐ ऋषिवन्द्याय नमः

73. ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः

74. ॐ जयाय नमः

75. ॐ निर्जराय नमः

76. ॐ वीराय नमः

77. ॐ ऊर्जस्वलाय नमः

78. ॐ हृषीकेशाय नमः

79. ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः

80. ॐ विवस्वते नमः

81. ॐ ऊर्ध्वगाय नमः

82. ॐ उग्ररूपाय नमः

83. ॐ उज्ज्वल नमः

84. ॐ वासुदेवाय नमः

85. ॐ वसवे नमः

86. ॐ वसुप्रदाय नमः

87. ॐ सुवर्चसे नमः

88. ॐ सुशीलाय नमः

89. ॐ सुप्रसन्नाय नमः

90. ॐ ईशाय नमः

91. ॐ वन्दनीयाय नमः

92. ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः

93. ॐ भानवे नमः

94. ॐ इन्द्राय नमः

95. ॐ इज्याय नमः

96. ॐ विश्वरूपाय नमः

97. ॐ इनाय नमः

98. ॐ अनन्ताय नमः

99. ॐ अखिलज्ञाय नमः

100. ॐ अच्युताय नमः

101. ॐ अखिलागमवेदिने नमः

102. ॐ आदिभूताय नमः

103 ॐ आदित्याय नमः

104. ॐ आर्तरक्षकाय नमः

105. ॐ असमानबलाय नमः

106. ॐ करुणारससिन्धवे नमः

107. ॐ शरण्याय नमः

108. ॐ अरुणाय नमः

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