Vrishabha Sankranti 2024: कब है वृषभ संक्रांति?, नोट करें शुभ मुहूर्त और महा पुण्य काल का समय
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 14 मई को शाम 05 बजकर 53 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य देव 25 मई को रोहिणी और 08 जून को मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 15 जून को देर रात 12 बजकर 27 मिनट पर वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 30 Apr 2024 12:33 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vrishabha Sankranti 2024: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य देव एक राशि में 30 दिन तक गोचर करते हैं। इसके बाद एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। वर्तमान समय में सूर्य देव मेष राशि में विराजमान हैं और मई महीने में सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में गोचर करेंगे। सूर्य देव के वृषभ राशि में गोचर करने की तिथि पर वृषभ संक्रांति मनाई जाती है। सनातन धर्म में संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने का विधान है। इस वर्ष वृषभ संक्रांति तिथि पर गंगा सप्तमी भी है। अतः इस दिन गंगा स्नान करने से जातक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी। आइए, वृषभ संक्रांति की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं दान-पुण्य करने का समय जानते हैं-
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सूर्य राशि परिवर्तन
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव 14 मई को शाम 05 बजकर 53 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दौरान सूर्य देव 25 मई को रोहिणी और 08 जून को मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद 15 जून को देर रात 12 बजकर 27 मिनट पर वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में गोचर करेंगे। इस प्रकार गंगा सप्तमी तिथि यानी 14 मई को वृषभ संक्रांति मनाई जाएगी।शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वृषभ संक्रांति तिथि पर पुण्य काल सुबह 10 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 04 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल दोपहर 03 बजकर 49 मिनट से शाम 06 बजकर 04 मिनट तक है। इस दौरान दान-पुण्य कर सूर्य देव की कृपा के भागी बन सकते हैं। वृषभ संक्रांति के दिन महा पुण्य काल 02 घंटे 16 मिनट का है।यह भी पढ़ें: जानें, विक्रम संवत 2081 के राजा और मंत्री कौन हैं और कैसा रहेगा वर्षफल ?
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