Vrishchik Sankranti 2024: वृश्चिक संक्रांति आज, जरूर करें ये काम, दूर होंगे जीवन के सभी कष्ट
सूर्य पूरे साल एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं। उनके इस गोचर को संक्रांति कहा जाता है। आज वह वृश्चिक राशि में विराजमान हुए हैं। उनके इस परिवर्तन को वृश्चिक संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान सूर्य पूजन अवश्य करना चाहिए तो चलिए इस दिन (Vrishchik Sankranti 2024) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वृश्चिक संक्रांति सूर्य के तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश का प्रतीक है। यह परिवर्तन ज्योतिष में बेहद महत्व रखता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल वृश्चिक संक्रांति 16 नवंबर, 2024 यानी आज मनाई जा रही है। यह दिन पूरी तरह से भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सूर्य नारायण की पूजा करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ व्यक्ति के मान-सम्मान और धन में वृद्धि होती है, तो चलिए इस पावन दिन (Vrishchik Sankranti 2024) से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं, जो यहां पर दी गई है।
वृश्चिक संक्रांति शुभ मुहूर्त (Vrishchik Sankranti 2024 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग रात्रि 07 बजकर 28 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अमृत सिद्धि योग रात्रि 07 बजकर 28 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी प्रकार की पूजा व मांगलिक काम कर सकते हैं।
वृश्चिक संक्रांति के नियम (Vrishchik Sankranti 2024 Rules)
इस तिथि पर सुबह जल्दी उठें। घर की साफ-सफाई करें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। इस मौके पर भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और उनकी विधिवत पूजा करें। सूर्य देव के वैदिक मंत्रों का जाप करें। इस दिन महापुण्य काल में स्नान करना चाहिए, जो लोग गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं वे घर पर स्नान के पानी में गंगाजल मिलाएं। इस दिन ज्यादा से ज्यादा दान-पुण्य करना चाहिए। इस दिन तामसिक चीजों से दूरी रखनी चाहिए।हिंदू मान्यताओं के अनुसार, संक्रांति का दिन बेहद शुभ माना जाता है, इस मौके पर गंगा नदी में स्नान करने और दान करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।यह भी पढ़ें: Margashirsha Month 2024: मार्गशीर्ष माह में इन नियमों का करें पालन, जाग उठेगा सोया हुआ भाग्य
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