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Lucky Stones: राशि अनुसार धारण करें ये लकी रत्न, जीवन में कभी नहीं होगी धन की कमी

Lucky Stones ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में शुभ ग्रहों की स्थिति ठीक रहने पर जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं अशुभ ग्रहों के प्रभावी होने पर जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी अपने जीवन में विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं तो राशि अनुसार ये रत्न धारण कर सकते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 11 Oct 2023 05:58 PM (IST)
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Lucky Stones: राशि अनुसार धारण करें ये लकी रत्न, जीवन में कभी नहीं होगी धन की कमी

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Lucky Stones: सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र का विशेष महत्व है। ज्योतिष कुंडली देखकर भविष्य की गणना करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में शुभ ग्रहों की स्थिति ठीक रहने पर जातक को जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं, अशुभ ग्रहों के प्रभावी होने पर जीवन में ढेर सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही आर्थिक स्थिति बदहाल हो जाती है। अगर आप भी अपने जीवन में विषम परिस्थिति से गुजर रहे हैं, तो राशि अनुसार ये रत्न धारण कर सकते हैं। ऐसा करने से सुख, सौभाग्य और आय में अपार वृद्धि होती है। आइए, राशि अनुसार रत्न जानते हैं-

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राशि के अनुसार मंत्र जाप

  • मेष राशि के स्वामी मंगल देव हैं और आराध्य भगवान हनुमान हैं। मेष राशि के जातक सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति हेतु मूंगा धारण कर सकते हैं। आप मूंगा के अलावा, पुखराज और माणिक भी धारण कर सकते हैं।

  • वृषभ राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और आराध्या जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा हैं। वृषभ राशि के जातक एक रत्ती हीरा धारण कर सकते हैं। अगर आर्थिक स्थिति सबल नहीं है, तो पन्ना या नीलम धारण कर सकते हैं। 

  • मिथुन राशि के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध देव हैं और आराध्य भगवान गणेश हैं। इस राशि के जातक सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। आप विकल्प में हीरा या नीलम रत्न भी धारण कर सकते हैं।

  • कर्क राशि के स्वामी चंद्र देव हैं और आराध्य भगवान शिव हैं। इस राशि के जातक सौभाग्य में वृद्धि के लिए मोती रत्न धारण कर सकते हैं। इसके अलावा, चांदी से निर्मित आभूषण भी धारण कर सकते हैं। इससे कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है।
    • सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं। इस राशि के जातक करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता पाने के लिए माणिक रत्न धारण करें। आप चाहे तो माणिक के विकल्प में मूंगा या पुखराज भी धारण कर सकते हैं।

  • कन्या राशि के स्वामी ग्रहों के राजकुमार बुध देव हैं और आराध्य भगवान गणेश हैं। बुध देव कन्या राशि में उच्च के होते हैं। इस राशि के जातक सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।       
  • तुला राशि के स्वामी शुक्र देव हैं और आराध्या जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा हैं। तुला राशि के जातक आय और सौभाग्य में वृद्धि के लिए हीरा धारण कर सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से कुंडली में सुखों के कारक शुक्र ग्रह मजबूत होता है। 
  • धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं। इस राशि के जातक सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए पुखराज धारण कर सकते हैं। इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है। पुखराज धारण करने से जीवन में पैसे की कभी कमी नहीं होती है। 
  • वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल देव हैं और आराध्य भगवान हनुमान हैं। वृश्चिक राशि के जातक धन प्राप्ति हेतु मूंगा धारण कर सकते हैं। आप मूंगा के अलावा, पुखराज और माणिक भी धारण कर सकते हैं।
  • धनु राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं। इस राशि के जातक धन प्राप्ति के लिए पुखराज धारण कर सकते हैं। इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है। पुखराज धारण करने से जीवन में पैसे की कभी कमी नहीं होती है। 

  • मकर और कुंभ राशि के स्वामी न्याय के देवता शनिदेव हैं और आराध्य भगवान शिव हैं। वर्तमान समय में मकर और कुंभ राशि के जातक साढ़े साती से पीड़ित हैं। मकर और कुंभ राशि के जातक शनिदेव की कृपा पाने के लिए नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। इससे करियर और कारोबार में असाधारण सफलता मिलती है। 
  • मीन राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और आराध्य भगवान विष्णु हैं। इस राशि के जातक सुख, सौभाग्य और आय में वृद्धि पाने के लिए पुखराज धारण करें। इससे कुंडली में गुरु मजबूत होता है। पुखराज धारण करने से जीवन में पैसे की कभी कमी नहीं होती है। 

  • डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'