Weekly Vrat Tyohar 21 To 28 October 2024: रोहिणी व्रत से लेकर रमा एकादशी तक, नोट करें व्रत-त्योहार की सही डेट
सनातन धर्म में कार्तिक माह के पहले सप्ताह (Weekly Vrat Tyohar 2024 October) का विशेष महत्व है। इस सप्ताह में करवा चौथ और अहोई अष्टमी समेत कई प्रमुख पर्व मनाए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूज करने से सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 20 Oct 2024 10:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Weekly Vrat Tyohar 21 October To 28 October 2024: सनातन धर्म में कार्तिक माह का अति विशेष महत्व है। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। इनमें करवा चौथ, अहोई अष्टमी, कालाष्टमी और जन्माष्टमी समेत कई प्रमुख त्योहार कार्तिक माह के पहले सप्ताह में मनाये जाते हैं। इस माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाई जाती है। इस तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आइए, इस सप्ताह में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों के बारे में जानते हैं-
कार्तिक माह के व्रत-त्योहार की सही डेट (October Month 2024 Date and Shubh Muhurat)
- 21 अक्टूबर को रोहिणी व्रत मनाया जाएगा। इस दिन वासुपूज्य स्वामी की पूजा की जाती है। यह व्रत महिलाएं करती हैं। इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। रोहिणी व्रत के दिन पुरुष भी उपवास रख सकते हैं।
- 24 अक्टूबर को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है। इस शुभ तिथि पर अहोई अष्टमी मनाई जाती है। इस व्रत को विवाहित महिलाएं पुत्र की लंबी आयु के लिए रखती हैं।
- 24 अक्टूबर को मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भी है। इस शुभ अवसर पर जगत के पालनहार भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इसके साथ भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की भी उपासना की जाती है। तंत्र विद्या सीखने वाले साधकों के लिए यह दिन विशेष होता है।
- 24 अक्टूबर को राधा कुंड स्नान भी है। इस शुभ तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु राधा कुंड में स्नान करते हैं। इस कुंड का निर्माण अहोई अष्टमी तिथि पर हुआ था। इसके लिए अहोई अष्टमी पर राधा कुंड स्नान किया जाता है।
- 28 अक्टूबर को रमा एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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