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Weekly Vrat Tyohar 21 To 27 November 2022: मार्गशीर्ष अमावस्या, प्रदोष व्रत सहित इस सप्ताह पड़ रहे हैं ये पर्व

Weekly Vrat Tyohar 21 To 27 November 2022 मार्गशीर्ष का ये सप्ताह 21 नवंबर से शुरू होकर 27 नवंबर 2022 को समाप्त होगा। इस सप्ताह प्रदोष व्रत अमावस्या के साथ कई व्रत पड़ रहे हैं। जानिए इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

By Shivani SinghEdited By: Updated: Mon, 21 Nov 2022 08:13 AM (IST)
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Weekly Vrat Tyohar 21 To 27 November 2022: नवंबर माह के चौथे सप्ताह के व्रत त्योहार
नई दिल्ली, Weekly Vrat Tyohar 21 To 27 November 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के नवंबर माह के चौथे सप्ताह की शुरुआत हो चुकी है। इस सप्ताह की शुरुआत प्रदोष व्रत के साथ हो रही है और समाप्ति विनायक चतुर्थी के साथ हो रही है। जानिए नवंबर माह के चौथे सप्ताह के व्रत त्योहार।

नवंबर 2022 के चौथे सप्ताह के व्रत त्योहार

21 नवंबर, सोमवार: सोम प्रदोष व्रत

हिन्दू पंचांग के अनुसार, अगहन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। वार के अनुसार इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करने से सभी शुभ फलों की प्राप्ति होगी और हर कष्ट से छुटकारा मिल जाएगा। पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत की शुरुआत 21 नवंबर को सुबह 10 बजकर 07 मिनट पर हो रही है जिसका समापन 22 नवंबर को सुबह 08 बजकर 49 मिनट पर होगा। इसके साथ ही शिव पूजन का समय 21 नवंबर को शाम 05 बजकर 34 मिनट से रात 8 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

22 नवंबर, मंगलवार: मार्गशीर्ष की मासिक शिवरात्रि

हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। माना जाता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति की इंद्रियां नियंत्रित हो जाती है। इसके साथ ही हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है।

23 नवंबर, बुधवार: मार्गशीर्ष अमावस्या

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व काफी है। क्योंकि इस दिन स्नान दान के साथ पितरों का तर्पण करने का महत्व है माना जाता है कि इस पितरों का तर्पण, पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसके साथ ही मोक्ष के द्वार खुलते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि 23 नवंबर 2022 को सुबह 06 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और अमावस्या तिथि का समापन 24 नवंबर 2022 को सुबह 04 बजकर 26 मिनट पर होगा।

27 नवंबर, रविवार: विनायक चतुर्थी

हर मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इसी तरह मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी का विशेष महत्व है। इसे विनायक चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है।

PIC CREDIT- FREEPIK

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।