क्या होता है शुक्र का उच्च होना, क्या मिलते हैं फायदे
आज जागरण आध्यात्म के इस लेख में बात करते हैं शुक्र ग्रह की। अक्सर किसी न किसी पंडित या ज्योतिषी के मुंह से आपने सुना होगा अरे वाह तुम्हारा तो शुक्र उच्च का है। क्या मायने हैं शुक्र के उच्च के होने के या शुक्र प्रभावी होने के।
आज जागरण आध्यात्म के इस लेख में बात करते हैं शुक्र ग्रह की। अक्सर किसी न किसी पंडित या ज्योतिषी के मुंह से आपने सुना होगा, अरे वाह तुम्हारा तो शुक्र उच्च का है। क्या मायने हैं शुक्र के उच्च के होने के या शुक्र प्रभावी होने के। शुक्र ग्रह को प्रेम, वैभव, यश से जोड़कर देख जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिनका शुक्र उच्च का होता है वो प्रेम विवाह करते हैं। और न सिर्फ प्रेम विवाह करते हैं बल्कि एक सफल वैवाहिक जीवन का निर्वहन भी करते हैं।
फौरी तौर पर समझने की कोशिश करें तो शुक्र और सुख आपस में जुड़े हुए हैं। अगर हम हमारे सौरमंडल को देखें तो सूर्य के बाद शुक्र ग्रह का नंबर आता है। अगर हम इसे चन्द्रमा से तुलना करके देखें तो रात में चन्द्रमा भी चमकता है और शुक्र ग्रह भी चमकता है। यही कारण है कि शुक्र ग्रह की प्रबलता वाले लोग जीवन में अपने यश की कीर्ति फैलाते हैं, उनका चमकना निश्चित माना जाता है।
ज्योतिष के अंदर भी शुक्र को वैभव सुख से जुड़ा माना गया है। इसे शुभ ग्रह की संज्ञा दी गई है। जिनके शुक्र प्रबल होता है वो जातक भौतिक सुख सुविधाओं का भरपूर लाभ उठाते हैं। वो कला आदि से भी जुड़े हो सकते हैं। शुक्र ग्रह की प्रबलता वालों की खूबी है कि वो दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। शुक्र ग्रह की प्रबलता वाले विनम्र होते हैं।
जिन के शुक्र उच्च नहीं होता उन्हें उनकी कुंडली देख कर अन्य ग्रह नक्षत्रों की स्थिति के हिसाब से कुछ उपाय बताए जाते हैं। लेकिन अगर हम कुछ आम उपायों की बात कहें तो माना जाता है कि घर में शुक्र यंत्र रखने से, नगों में हीरा धारण करने से शुक्र की कमजोरियां दूर हो सकती हैं।
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