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Bhadrapada Purnima 2024: सितंबर महीने में कब है भाद्रपद पूर्णिमा? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

पूर्णिमा तिथि (Bhadrapada Purnima 2024) पर दान करने का विशेष विधान है। इस शुभ तिथि पर दान करने से व्यक्ति पर भगवान विष्णु की कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है। भाद्रपद पूर्णिमा पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 28 Aug 2024 05:44 PM (IST)
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Bhadrapada Purnima 2024: भाद्रपद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhadrapada Purnima 2024: हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी के अगले दिन पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस शुभ तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। पूर्णिमा तिथि पर सत्य नारायण पूजा भी की जाती है। वहीं, साधक पूर्णिमा व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मत है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान-ध्यान, पूजा, जप-तप और दान-पुण्य करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। आइए, भाद्रपद पूर्णिमा की सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।

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भाद्रपद पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Bhadrapada Purnima Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि 17 सितंबर को सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन यानी 18 सितंबर को सुबह 08 बजकर 04 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 17 सितंबर को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। वहीं, 18 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी।

भाद्रपद पूर्णिमा शुभ योग (Bhadrapada Purnima Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद पूर्णिमा पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर होगा। इस दौरान भगवान शिव कैलाश पर जगत की देवी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। भाद्रपद पूर्णिमा पर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का संयोग सुबह 11 बजे तक है। इसके बाद उत्तराभाद्रपद का संयोग बन रहा है।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 06 बजकर 37 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।