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Diwali 2024: नवंबर महीने में कब है दिवाली? नोट करें शुभ मुहूर्त, योग एवं पूजन समय

धार्मिक मत है कि कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से आय सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर होती है। कार्तिक माह की अमावस्या (Diwali 2024) तिथि पर लक्ष्मी गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 29 Aug 2024 10:00 PM (IST)
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Diwali 2024: दिवाली का धार्मिक महत्व एवं सही डेट
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त पूजा संपन्न होने तक व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि कार्तिक माह की अमावस्या तिथि यानी दिवाली(Diwali 2024) पर मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए दिवाली पर भक्ति भाव से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। आइए, दिवाली की सही डेट, शुभ मुहूर्त, पूजा का समय एवं योग जानते हैं-

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दिवाली शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अमावस्या तिथि का समापन 1 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर होगा। ज्योतिषियों की मानें तो 01 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी।

पूजा का शुभ समय (Diwali Puja Timing)

दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ समय संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 06 बजकर 16 मिनट तक है। इस समय में धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं। हालांकि, अलग-अलग शहरों में पूजा के शुभ समय में अंतर हो सकता है।

दिवाली शुभ योग (Diwali Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इसके बाद आयुष्मान योग का संयोग बन रहा है, जो पूर्ण रात्रि तक है। दिवाली पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट से है। वहीं, स्वाति नक्षत्र का संयोग दिवाली पर बन रहा है। इन योग में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।