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Ganesh Chaturthi 2024: इस साल कब मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। यह पर्व भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के विघ्न एवं बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 26 Jun 2024 09:35 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म योग का होगा निर्माण
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Chaturthi 2024: हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का अवतरण दिवस यानी जन्मोत्स्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही प्रतिमा स्थापना के समय तक व्रत-उपवास रखा जाता है। महाराष्ट्र और गुजरात समेत देश के सभी हिस्सों में गणेश उत्सव मनाया जाता है। महाराष्ट्र के हर घर में भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है। गणेश उत्सव दस दिनों तक होता है। सामान्यजन एक या पांच दिनों के लिए गणपति बाप्पा को घर लाते हैं। वहीं, सार्वजनिक स्थानों पर दस दिनों तक गणेश भगवान की पूजा और सेवा की जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। आइए, गणेश चतुर्थी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं।

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गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 7 सितंबर को संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि से गणना की जाती है। प्रदोष काल और निशा काल में होने वाली पूजा को छोड़कर सभी व्रत-त्योहार के लिए उदया तिथि से गणना की जाती है। अत: 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

गणेश चतुर्थी शुभ योग  

गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म और इंद्र योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। ब्रह्म योग देर रात 11 बजकर 17 मिनट तक है। इसके बाद इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। गणेश चतुर्थी पर भद्रा पाताल में रहेंगी। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है। कुल मिलाकर कहें तो गणेश चतुर्थी पर कई दुर्लभ और मंगलकारी बन रहे हैं।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 30 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 08 बजकर 44 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 58 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।