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Ganesh Chaturthi 2024: सितंबर महीने में कब है गणेश चतुर्थी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि भगवान गणेश की पूजा आदिकाल से की जा रही है। भगवान गणेश को कई नामों से जाना जाता है। सतयुग के दौरान भगवान गणेश को (Ganesh Chaturthi 2024) विनायक कहा जाता था। साधक भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं। भगवान गणेश की भक्ति करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 21 Aug 2024 07:47 PM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही भगवान गणेश के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। कई साधक प्रतिमा स्थापना एवं पूजा तक व्रत रखते हैं। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र और गुजरात में विशेष तरीके से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृ्द्धि होती है। साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। आइए, गणेश चतुर्थी की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं।

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गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 03 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 07 सितंबर को संध्याकाल 05 बजकर 37 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि से गणना की जाती है। अत: 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

गणेश चतुर्थी शुभ योग (Ganesh Chaturthi Shubh Yog)

गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन रात 11 बजकर 17 मिनट पर होगा। इसके बाद इंद्र योग का संयोग बन रहा है। ज्योतिष ब्रह्म और इंद्र योग को शुभ मानते हैं। इन दोनों योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। गणेश चतुर्थी तिथि पर भद्रावास का भी संयोग बन रहा है। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का भी संयोग है।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 30 मिनट पर

चंद्रास्त- शाम 08 बजकर 44 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 16 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 24 मिनट से 03 बजकर 14 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 35 मिनट से 06 बजकर 58 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।