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Gopashtami: कब है गोपाष्टमी, जानें क्या है गायों की पूजा किए जाने वाले इस पर्व का महत्व

Gopashtami कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह प्रव 22 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन गायों की पूजा की जाती है। यह त्यौहार गायों को ही समर्पित है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 20 Nov 2020 12:08 PM (IST)
Gopashtami: कब है गोपाष्टमी, जानें क्या है गायों की पूजा किए जाने वाले इस पर्व का महत्व
Gopashtami: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह प्रव 22 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन गायों की पूजा की जाती है। यह त्यौहार गायों को ही समर्पित है। गोपाष्टमी के दिन लोग गायों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान दर्शाते हैं। गायों को जीवन देने वाला कहा गया है। इन्हें गौ माता भी कहा जाता है। इनकी पूजा ठीक उसी तरह की जाती है जिस तरह किसी देवी की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं गोपाष्टमी का महत्व और शुभ मुहूर्त।

गोपाष्टमी 2020 शुभ मुहूर्त: 

22 नवंबर 2020

गोपाष्टमी तिथि प्रारंभ- 21 नवंबर, शनिवार, रात 21 बजकर 48 मिनट से

गोपाष्टमी तिथि अंत- 22 नवंबर, रविवार रात 22 बजकर 51 मिनट तक 

गोपाष्टमी का महत्व:

हिंदू धर्म की संस्कृति और आत्मा गायों को माना गया है। इनकी पूजा देवी-देवताओं की तरह ही की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मान्यता है कि एक गाय के अएंदर कई देवी-देवता निवरास करते हैं। ऐसे में हिंदू धर्म में गाय की पूजा करना बेहद जरूरी होता है। साथ ही इसका महत्व भी बहुत ज्यादा होता है। गाय को आध्यात्मिक और दिव्य गुणों का स्वामी भी कहा गया है। मान्यताओं के अनुसार, जो लोग गोपाष्टमी की पूर्व संध्या पर गाय की विधिवत पूजा करते हैं उन्हें खुशहाल जीवन का आशीर्वद प्राप्त होता है। साथ ही अच्छे भाग्य का आशीर्वाद भी मिलता है। यह गोपाष्टमी के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती हैं।

गोपाष्टमी का पर्व हिंदू अनुष्ठानों के अनुसार, बछड़े और गायों की एक साथ पूजा व प्रार्थना करने का दिन है। इस दिन गायों की पूजा पानी, चावल, कपड़े, इत्र, गुड़, रंगोली, फूल, मिठाई, और अगरबत्ती के साथ की जाती है। कई जगहों पर पुजारी गोपाष्टमी की विशिष्ट पूजा भी करते हैं।

डिसक्लेमर

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