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Kalashtami 2024: आषाढ़ महीने में इस दिन मनाई जाएगी कालाष्टमी, नोट करें सही डेट, मुहूर्त एवं योग

तंत्र विद्या सीखने वाले साधकों के लिए यह दिन बेहद खास होता है। साधक विशेष कार्य में सिद्धि पाने हेतु कालाष्टमी तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की पूजा करते हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से साधक के जीवन में व्याप्त सकल दुख और संकट दूर हो जाते हैं। अत साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन भक्ति करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 11 Jun 2024 01:50 PM (IST)
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Kalashtami 2024: आषाढ़ महीने में इस दिन मनाई जाएगी कालाष्टमी
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kalashtami 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के अगले दिन कालाष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व देवों के देव महादेव के रौद्र रूप काल भैरव देव को समर्पित होता है। इस दिन काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही विशेष मनोकामना पूर्ति हेतु व्रत-उपवास भी रखा जाता है। तंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही निशा काल में अनुष्ठान करते हैं। कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर काल भैरव देव साधक को मनोवांछित या मनचाहा वर प्रदान करते हैं। सामान्य साधक भी काल भैरव देव की कठिन भक्ति करते हैं। धार्मिक मत है कि काल भैरव की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। अगर आप भी मनचाहा वर पाना चाहते हैं, तो कालाष्टमी पर काल भैरव देव की पूजा करें। आइए, कालाष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं शुभ योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 28 जून को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर शुरू होगी और 29 जून को दोपहर 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। काल भैरव देव की पूजा निशाकाल में होती है। अतः 28 जून को कालाष्टमी मनाई जाएगी। साधक 28 जून को व्रत रख काल भैरव देव की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 23 मिनट पर

चंद्रोदय- देर रात 12 बजकर 10 मिनट पर

चंद्रास्त- दिन 11 बजकर 46 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 05 मिनट से 04 बजकर 46 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक

योग

आषाढ़ माह की कालाष्टमी पर रवि, सौभाग्य और शोभन योग का निर्माण हो रहा है। रवि योग दिन भर है। वहीं, सौभाग्य योग रात 09 बजकर 39 मिनट तक है। इसके बाद शोभन योग का निर्माण होगा। इन योग में महादेव की पूजा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाएंगे।

शिववास योग

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर शिववास योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन देवों के देव महादेव शाम 04 बजकर 27 मिनट से कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे। भगवान शिव के कैलाश पर मां गौरी के साथ रहने के दौरान महादेव का अभिषेक करने से घर में सुख और समृद्धि आती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।