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Karva Chauth 2024 Date: अक्टूबर महीने में कब है करवा चौथ? नोट करें सही डेट और शुभ मुहूर्त

सनातन धर्म में करवा चौथ पर्व (Karva Chauth Importance) का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रख करवा माता की पूजा करती हैं। वहीं संध्याकाल में पूजा-आरती के बाद चंद्र देव के दर्शन कर व्रत खोलती हैं। धार्मिक मत है कि करवा चौथ व्रत करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 22 Aug 2024 05:19 PM (IST)
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Karva Chauth 2024: करवा चौथ का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु एवं सुख-समृद्धि में वृद्धि के लिए करवा माता की पूजा (Karva Chauth Puja Vidhi) करती हैं। साथ ही करवा माता के निमित्त करवा चौथ का व्रत रखती हैं। आजकल अविवाहित लड़कियां भी शीघ्र विवाह के लिए करवा चौथ पर व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। वहीं, अविवाहित लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

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करवा चौथ शुभ मुहूर्त (Karva Chauth Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रविवार 20 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। अत: 20 अक्टूबर को करवा चौथ है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ समय शाम 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 07 बजकर 02 मिनट तक है। चंद्रोदय का समय संध्याकाल में 07 बजकर 54 मिनट पर होगा।

करवा चौथ शुभ योग (Karva Chauth Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से हो रहा है। इसके साथ ही शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस तिथि पर देवों के देव महादेव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दौरान पूजा-पाठ करने से व्रती को दोगुना फल प्राप्त होगा।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट पर

चंद्रोदय- शाम 07 बजकर 54 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 33 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 11 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।