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Krishna Janmashtami 2024 Date: इस साल कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी? नोट करें सही डेट, शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन शास्त्रों में निहित है कि भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। अतः हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि के अगले दिन कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा रानी की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 13 Jun 2024 04:07 PM (IST)
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Krishna Janmashtami 2024 Date: इस साल कब मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Krishna Janmashtami 2024: हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। यह पर्व जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण धरती पर हुआ था। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही मूरली मनोहर के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। धार्मिक मत है कि भगवान कृष्ण के शरणागत रहने वाले साधकों को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। गरुड़ पुराण में निहित है कि भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों को मृत्यु के पश्चात बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। आइए, कृष्ण जन्माष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

ज्योतिषीय गणना के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 26 अगस्त को देर रात 03 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 27 अगस्त को देर रात 02 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। कृष्ण जन्माष्टमी पर मध्य रात्रि में भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ है। अतः 26 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का समय 27 अगस्त को देर रात 12 बजकर 01 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक है। इस समय में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना कर सकते हैं।

योग

ज्योतिषियों की मानें तो कृष्ण जन्माष्टमी पर हर्षण और सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। साथ ही भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इन 03 शुभ योग में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 26 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 49 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 20 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 12 बजकर 58 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 49 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।