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Mahesh Navami 2024: इस साल कब है महेश नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं योग

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही भगवान शिव के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। यह दिन माहेश्वरी समाज के लिए विशेष होता है। इस दिन ही माहेश्वरी समाज के वंश की उत्पत्ति हुई है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 24 May 2024 08:00 PM (IST)
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Mahesh Navami 2024: इस साल कब है महेश नवमी? नोट करें शुभ मुहूर्त, तिथि एवं योग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Mahesh Navami 2024: हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। यह दिन देवों के देव महादेव को समर्पित होता है। अतः ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान शिव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही भगवान शिव के निमित्त व्रत भी रखा जाता है। यह दिन माहेश्वरी समाज के लिए विशेष होता है। इस दिन ही माहेश्वरी समाज के वंश की उत्पत्ति हुई है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, माहेश्वरी समाज के लोग महेश नवमी पर बाबा की झांकी भी निकालते हैं। धार्मिक मत है कि महेश नवमी पर भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनचाहा वर मिलता है। आइए, शुभ मुहूर्त, तिथि एवं योग जानते हैं-

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शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 15 जून को देर रात 12 बजकर 03 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी। 15 जून को महेश नवमी है। इस दिन ही सूर्य देव राशि परिवर्तन करेंगे। इसके अगले दिन यानी 16 जून को गंगा दशहरा है।

शिववास योग

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती कैलाश पर एक साथ विराजमान रहेंगे। ज्योतिष गणना के अनुसार शिववास योग 16 जून को देर रात 02 बजकर 32 मिनट तक है। इस योग में भगवान शिव की पूजा-उपासना करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।