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Masik Durgashtami 2024: भाद्रपद माह में कब है मासिक दुर्गाष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन शास्त्रों में निहित है कि जगत की देवी मां दुर्गा (Masik Durgashtami 2024) की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साधक भक्ति भाव से जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा-उपासना करते हैं। इसके साथ ही मां दुर्गा के निमित्त व्रत रखते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 27 Aug 2024 06:26 PM (IST)
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Masik Durgashtami 2024: मासिक दुर्गाष्टमी का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा को समर्पित है। इस दिन जगत की देवी मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख एवं संताप दूर हो जाते हैं। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से जगत जननी मां दुर्गा की पूजा (Masik Durgashtami Puja Vidhi) करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

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मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat)

ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 सितंबर को भारतीय समयानुसार रात 11 बजकर 11 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 11 अगस्त को देर रात 11 बजकर 46 मिनट पर होगा। मासिक दुर्गाष्टमी पर निशाकाल में जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा की जाती है। अत: 11 सितंबर को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी।

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ योग (Masik Durga Ashtami Shubh Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन रवि योग का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही भद्रावास योग का भी निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, ज्येष्ठा नक्षत्र का भी संयोग है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक ही हर मनोकामना पूरी होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 04 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट पर

चन्द्रोदय- दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर

चंद्रास्त- देर रात 11 बजकर 26 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 22 मिनट से 03 बजकर 12 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 31 मिनट से 07 बजकर 54 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 54 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।