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Masik Krishna Janmashtami 2024: पितृ पक्ष में कब है मासिक कृष्ण जन्माष्टमी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग

सनातन शास्त्रों में निहित है कि जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ है। इसके लिए भाद्रपद माह में कृष्ण जन्माष्टमी (Masik Krishna Janmashtami 2024) मनाई जाती है। वहीं हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 19 Sep 2024 08:12 PM (IST)
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Masik Krishna Janmashtami 2024: मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण उत्सव मनाया जाता है। इस अवसर पर साधक बांके बिहारी कृष्ण कन्हैया संग राधा रानी की विशेष पूजा करते हैं। साधक भगवान श्रीकृष्ण के निमित्त अष्टमी का व्रत (Masik Krishna Janmashtami 2024) भी रखते हैं। इस व्रत को करने से साधक पर भगवान श्रीकृष्ण की असीम कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक की हर इच्छा पूर्ण होती है। अतः साधक भक्ति भाव से भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग जानते हैं।

मासिक जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Masik Krishna Janmashtami Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 24 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी और 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। भगवान श्रीकृष्ण की पूजा निशा काल में की जाती है। अतः 24 सितंबर को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी।

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मासिक जन्माष्टमी शुभ योग (Masik Krishna Janmashtami Shubh Yog)

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्लभ द्विपुष्कर योग का संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण प्रातः काल 06 बजकर 11 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर होगा। इसके साथ ही शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। शिववास योग दोपहर 12 बजकर 38 मिनट से है। इन योग में भगवान कृष्ण की पूजा करने से साधक को पृथ्वी लोक पर सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 11 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 14 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 02 मिनट पर 

चंद्रास्त- दोपहर 12बजकर 57 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 35 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से 03 बजकर 02 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 15 मिनट से 06 बजकर 39 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।