Move to Jagran APP

Masik Shivratri 2024: आश्विन माह में कब है मासिक शिवरात्रि? नोट करें शुभ मुहूर्त, महत्व एवं योग

शिव पुराण में निहित है कि मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) पर देवों के देव महादेव संग जगत की देवी मां पार्वती की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखती हैं। इस व्रत को करने से घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 12 Sep 2024 04:44 PM (IST)
Hero Image
Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri 2024) का विशेष महत्व है। इस शुभ तिथि पर देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मत है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। कुंवारी लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए मासिक शिवरात्रि पर महादेव संग मां पार्वती की पूजा करती हैं। विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखती हैं। आइए, मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग जानते हैं-

यह भी पढ़ें: मासिक शिवरात्रि पर ऐसे करें महादेव की पूजा, वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल

मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त (Masik Shivratri Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 सितंबर को शाम 07 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 01 अक्टूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। मासिक शिवरात्रि पर निशा काल में शिव-शक्ति की पूजा होती है। अतः 30 सितंबर को आश्विन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी। मासिक शिवरात्रि पर पूजा का समय देर रात 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक है।

मासिक शिवरात्रि शुभ योग (Masik Shivratri Shubh Yog)

मासिक शिवरात्रि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 01 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 18 मिनट तक है। आश्विन माह की मासिक शिवरात्रि पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस योग में देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 08 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 48 मिनट पर (01 अक्टूबर)

चंद्रास्त- शाम 05 बजकर 02 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 37 मिनट से 05 बजकर 25 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से 02 बजकर 57 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 08 मिनट से 06 बजकर 32 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

यह भी पढ़ें: शादी में हो रही है देरी, तो मासिक शिवरात्रि पर करें ये उपाय, जल्द बजेगी शहनाई

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।