Sankashti Chaturthi 2024: सितंबर महीने में कब है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
धार्मिक मत है कि विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी तिथि पर भक्ति भाव से भगवान गणेश (Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024) की पूजा करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 29 Aug 2024 08:25 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। यह पर्व देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस दिन भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही मनचाही मुराद पूरी होती है। इस शुभ अवसर पर साधक श्रद्धा भाव से भगवान गणेश की पूजा (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Puja Vidhi) करते हैं। आइए, विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी की तिथि एवं योग जानते हैं-
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शुक्रवार 20 सितंबर को रात 09 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 सितंबर को शाम 06 बजकर 13 मिनट होगा। इस तिथि पर चंद्र दर्शन का शुभ मुहूर्त शाम 08 बजकर 29 मिनट पर है।यह भी पढ़ें: सितंबर महीने में कब है गणेश चतुर्थी? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ योग (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं। इनमें हर्षण योग सुबह 11 बजकर 36 मिनट से शुरू हो रहा है। शिववास योग शाम 06 बजकर 13 मिनट तक है। इस समय तक भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी पर सवार होंगे। इस समय में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।पंचांग (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Panchang)
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 09 मिनट परसूर्यास्त - शाम 06 बजकर 19 मिनट परचन्द्रोदय- रात 08 बजकर 29 मिनट परचंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 34 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 22 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 15 मिनट से 03 बजकर 04 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 42 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तकयह भी पढ़ें: गणेश चतुर्थी पर भद्रावास योग का हो रहा है निर्माण, दूर होंगे सभी दुख एवं कष्टअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।