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कब से शुरू हुआ था कौन-सा युग, अवतार से लेकर काल की अवधि तक जानिए सबकुछ

हिंदू शास्त्रों में अवधि को चार युगों में विभाजित किया गया है - सतयुग त्रेतायुग द्वापरयुग और कलियुग। आज चौथा युग यानी कलयुग चल रहा है। मानव में सतयुग से लेकर कलयुग तक काफी परिवर्तन आए हैं और हर युग की अपनी एक विशेषता भी है। ऐसे में यह जानना काफी रोचक होगा कि किस युग की शुरुआत कब हुई थी।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 07 May 2024 01:34 PM (IST)
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Yug in Hindi कब से शुरू हुआ था कौन-सा युग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Yug in Hindi: युग का अर्थ होता है एक निश्तिच काल-अवधि। चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग में काफी अंतर है। हर युग में मनुष्य की बनावट से लेकर उसके व्यवहार में कुछ मूलभूत परिवर्तन आए हैं। ऐसे में आज हम जानेंगे कि कौन-सा युग कब से प्रारंभ हुआ और उसकी क्या विशेषता है।

सतयुग

चारों युगों में से सबसे पहला युग यानी सतयुग युग की अवधि लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष बताई गई है। माना जाता है कि सतयुग का प्रारंभ कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। माना जाता है कि इस युग में देवी-देवता पृथ्वी पर मनुष्य की भांति ही रहते थे और उनकी आयु भी लगभग 2 लाख वर्ष होती थी। साथ ही इस युग का तीर्थ पुष्कर को माना गया है। सतयुग में पाप और अधर्म के लिए कोई जगह नहीं थी। इस युग में भगवान विष्णु के मत्स्य, कच्छप, वराह और नरसिंह अवतार हुए।

त्रेतायुग

शास्त्रों में त्रेतायुग की अवधि लगभग 12 लाख 28 हजार मानी गई है। वहीं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, त्रेता युग की शुरुआत वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि से हुई थी। माना जाता है कि इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 10,000 वर्ष होती थी और तीर्थ नैमिषारण्य था। इस युग में अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु के श्री राम, वामन, परशुराम के अवतार हुए।

द्वापरयुग

हिंदू शास्त्रों में वर्णित हैं कि द्वापर युग की अवधि लगभग 8 लाख 64 हजार है और यह युग माघ माह के कृष्ण अमावस्या से शुरू हुआ था। हिंदू धर्म ग्रंथों में इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 1000 वर्ष बताई गई है। इस युग का तीर्थ कुरुक्षेत्र को माना गया है। द्वापर युग में भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने धरती पर जन्म लेकर कंस जैसे दुष्टों का संहार किया। 

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कलयुग

धार्मिक ग्रंथ के अनुसार वर्तमान युग यानी कलयुग की अवधि तीनों युगों में सबसे कम यानी 4 लाख 32 हजार वर्ष है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से कलयुग की शुरुआत मानी जाती है। इस युग में मनुष्य की आयु लगभग 100 वर्ष ही रह गई है। वहीं, गंगा नदी को कलयुग का तीर्थ स्थान माना गया है। चारों युगों में पाप की मात्रा कलयुग में सबसे अधिक मानी गई है। इसके साथ ही इस युग में विष्णु जी के अवतार माने गए भगवान बुद्ध का भी जन्म हुआ, जिन्होंने मनुष्य को अहिंसा का रास्ता दिखलाया। यह भी कहा गया है कि कलयुग में पाप का नाश करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतरित होंगे।

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