Move to Jagran APP

भगवान को क्यों पहनाएं जाते हैं सोने के आभूषण? जानें इसका धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में भगवान की प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों और आभूषण से सजाया जाता है। ताकि भगवान की प्रतिमा खूबसूरत लगे। भगवान को सोने के आभूषणों की मदद से सजाने के पीछे सांस्कृतिक और सांप्रदायिक मान्यताएं हैं। भगवान रामलला को भी सोने के आभूषणों से खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। सोने के गहने से भगवान की मूर्तियों को आकर्षित बनाया जाता है।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 28 Jan 2024 04:51 PM (IST)
Hero Image
भगवान को क्यों पहनाएं जाते हैं सोने के आभूषण? जानें इसका धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ram Mandir: सनातन धर्म में भगवान की प्रतिमा को सुंदर वस्त्रों और आभूषण से सजाया जाता है। ताकि भगवान की प्रतिमा खूबसूरत लगे। भगवान को सोने के आभूषणों की मदद से सजाने के पीछे सांस्कृतिक और सांप्रदायिक मान्यताएं हैं। भगवान रामलला को भी सोने के आभूषणों से खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, सोना देवी-देवताओं का प्रिय माना गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान की प्रतिमा को अधिकतर सोने के गहने किसी खास अवसर पर पहनाएं जाते हैं। जैसे- धार्मिक समारोह, पूर्णिमा और पर्व आदि।

धार्मिक पूजा-पाठ में सोने की प्रतिमा का भी इस्तेमाल किया जाता है। धार्मिक दृष्टिकोण में सोने को प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक माना गया है। देवी-देवता को सोने के गहने के पहनाने की परंपरा अधिक पुरानी है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे आखिर भगवान को सोने के गहने पहनाने का धार्मिक कारण क्या है?

भगवान को सोने के आभूषण पहनाने का धार्मिक महत्व

-सोने के आभूषण सौंदर्य और चमक प्रदान करते हैं। सोने के गहने से भगवान की मूर्तियों को आकर्षित बनाया जाता है। यही कारण है भगवान को सोने के आभूषण पहनाने का।

यह भी पढ़ें: Shivling Puja: किस शिवलिंग की पूजा करने पर प्रसन्न होते हैं भगवान शंकर? मिलता है मनचाहा वर

-सोने के आभूषण दिखने में अधिक खूबसूरत होते हैं। इसी वजह से देवी-देवताओं की श्रद्धा और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होती है। भक्त भगवान को सोने के आभूषण पहनाकर सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करते हैं।

-धार्मिक आचार्यों का मत है कि सोने के आभूषण धार्मिक पूजा-पाठ के लिए उपयुक्त माने जाते हैं।

अयोध्या राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को की गई। 5 वर्ष के रूप में चित्रित रामलला की झलक बेहद काफी मनमोहक कर देने वाली है। सोने-हीरे के आभूषणों से रामलला की मूर्ति को सिर से पैर तक सजाया गया है। भगवान रामलला को सिर से पांव तक 9 आभूषण पहनाए गए हैं।

रामलला को इन आभूषणों से सजाया गया

मुकुट पर सूर्य देव, कौस्तुभ मणि, विजयमाला, कंठा, पदिका, कांची या करधनी, लाल तिलक

यह भी पढ़ें: Vastu Tips: घर से आज ही बाहर करें ये चीजें, वरना तरक्की के मार्ग में आएगी बाधा

डिसक्लेमर- 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देंश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी'।