Mahabharat: क्या है द्रौपदी के पांच पांडवों संग विवाह का रहस्य? जानें इसके पीछे की कहानी
महाभारत सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है जिसमें जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही यह (Mahabharata Katha) आज भी हर किसी के लिए एक सीख की तरह काम करता है। आज हम द्रौपदी का विवाह पांच पांडवों (Why Draupadi Married 5 Pandavas) से क्यों हुआ था? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक महाभारत (Mahabharata Story) है, जिसके प्रमुख पात्र पांच पांडव और उनकी पत्नी द्रौपदी हैं। आज हम द्रौपदी का विवाह पांडवों से क्यों हुआ? इसके पीछे की कथा के बारे में जानेंगे। इससे पहले हम आपको बता दें, कि द्रौपदी को पांडवों की पत्नी और राजा द्रुपद की पुत्री के रूप में जाना जाता है।
उन्हें कृष्णेयी, यज्ञसेनी, महाभारती, सैरंध्री, पांचाली, अग्नि सुता आदि नामों से भी जाना जाता है, तो आइए जानते हैं कि पांचाली का विवाह पांडवों (Why Draupadi Married 5 Pandavas) से क्यों हुआ था?
द्रौपदी ने 5 पांडवों से क्यों की थी शादी?
यह बात सभी जानते हैं कि द्रौपदी के पांडवों के रूप में पांच पति थे। साथ ही इसके पीछे एक नहीं बल्कि कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जिसका जिक्र आज हम आपसे करेंगे। ऐसा कहा जाता है कि जब अर्जुन द्रौपदी के साथ स्वयंवर करके वापस लौटे थे, तो द्रौपदी को अपनी मां कुंती से मिलाने के लिए ले गए। उस समय माता कुंती कुछ काम कर रही थीं। तब पार्थ ने अपनी मां से कहा 'माते, मैं कुछ लाया हूं,' जिसपर कुंती ने बिना देखे और पूरी बात सुने अनजाने में यह कह दिया कि इसे पांचों भाई आपस में बांट लो और जब उन्होंने मुड़कर देखा, तो उन्होंने द्रौपदी को देखा और चौंक गई।
अनजाने में कही गई बात के लिए उन्होंने माफी मांगी, लेकिन तब अर्जुन ने कहा कि अपनी मां की आज्ञा मानना उनका कर्तव्य है और इसलिए वह ऐसा ही करेंगे, जिसके चलते द्रौपदी ने पांचों पांडवों से विवाह किया था।
शिव जी का वरदान
इसके अलावा इसके पीछे एक और कथा प्रचलित है, जिसमें शिव जी से द्रौपदी ने यह वरदान मांगा था कि उन्हें ऐसा पति चाहिए, जो बुद्धिमान, बलवान, सुंदर, आकर्षक और धनुर्धर हो। एक व्यक्ति में ये सारी चीजें मिलना अंसभव था, जिस वजह से भोलेनाथ ने उन्हें 5 पांडवों पति के रूप में दिेए थे।
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