Garuda Purana: आखिर क्यों मृत्यु से पहले किया जाता है गौ दान? जानें इसके पीछे का रहस्य
गरुड़ पुराण में इंसान की मृत्यु और इसके बाद की स्थिति के बारे में विस्तारपूर्वक उल्लेख किया गया है। गरुड़ पुराण (Garuda Purana) जगत के पालनहार भगवान विष्णु की भक्ति और उनके ज्ञान पर आधारित है। ऐसा माना जाता है कि जीवन में गौ दान (Cow Donation) करने से इंसान को नरक की यातनाओं का सामना नहीं करना पड़ता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कई महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ हैं। इसमें गरुड़ पुराण भी शामिल है। इस ग्रंथ में 19 हजार श्लोक हैं, जिसके सात हजार श्लोक इंसान के जीवन से संबंधित हैं। इन श्लोक में नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान के बारे में उल्लेख किया गया है। गरुड़ पुराण की माने तो इंसान के कर्मों के अनुसार उसे फल भोगना पड़ता है। पुराण में बताया गया है कि जीवन में अच्छे कर्म करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। वहीं, बुरे कर्मों को करने से नरक में कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, इंसान को जीवन में गौ दान अवश्य करना चाहिए। हिंदू धर्म में गौ दान (Cow Donation Religious Significance) को सबसे बड़ा दान माना जाता है। गौ दान करने से इंसान को नरक में यातनाओं का सामना नहीं करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं क्यों किया जाता है गौ दान?
ये है वजह
गरुड़ पुराण के अनुसार, धरती के अलावा यमलोक में नर्क की नदी बहती है, जिसको वैतरणी नदी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस नदी में रक्त बहता है। जीवन में गौ दान (Cow Donation Before Death) करने से इंसान के मोक्ष के द्वारा खुल जाते हैं और नरक की यातनाओं से छुटकारा मिलता है।
इसलिए जरूरी है गौ दान
गरुड़ पुराण की माने तो इंसान को मृत्यु के बाद वैतरणी नदी को पार करना पड़ता है। इसलिए इस नदी को पार करने के लिए जीवन में गौ दान (Cow Donation Benefits करना जरूरी माना गया है। गौ दान को करने से इंसान को वैतरणी नदी को पार करने के लिए किसी भी तरह का कष्ट का सामना नहीं करना पड़ता है। वहीं, इस अच्छे कर्म को न करने से नदी को पार करने के लिए कष्टों को झेलना पड़ता है।
गौ दान की क्या है मान्यता
मान्यता के अनुसार, गौ दान करने से आत्मा वैतरणी नदी को सफलतापूर्वक पार कर लेती हैं। इसी वजह से जीवन में गौ दान करना जरूरी माना गया है।
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