Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष में क्यों किया जाता है गंगा स्नान? जानें कैसे हुआ पवित्र नदी का पृथ्वी पर अवतरण?
सनातन धर्म में गंगाजल को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका प्रयोग पूजा-पाठ में किया जाता है और किसी शुभ तिथि पर गंगा स्नान किया जाता है। इसके अलावा पितृ पक्ष में भी गंगा स्नान का विशेष महत्व है। पितृ पक्ष की अवधि 16 दिनों की होती है। आइए जानते हैं पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024 Ganga Snan) में क्यों किया जाता है गंगा स्नान?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024) के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य करना वर्जित है। इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से होगी। वहीं, इसका समापन 02 अक्टूबर को होगा। ऐसी मान्यता है कि पितृपक्ष में गंगा स्नान (why we do Ganga snan in Pitru Paksha) करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। क्या आपको पता है कि मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण कैसे हुआ? अगर नहीं पता, तो आइए पढ़ते हैं इससे जुड़ी कथा।
ऐसे हुआ मां गंगा का अवतरण
पौराणिक कथा के अनुसार, राजा बलि ने जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था, जिसकी वजह से उसने पृथ्वी पर अपना अधिकार जमा लिया था और खुद को देवता मानने लगा। उसने देवराज इंद्र को युद्ध के लिए ललकारा। इस स्थिति में देवराज इंद्र ने श्रीहरि से सहायता मांगी।यह भी पढ़ें: Gangajal Ke Upay: गंगा जल के इन उपायों को करने से दूर होगी नकारात्मकता, हर संकट से उभर जाएंगे आप
इस दौरान प्रभु ने राजा बलि के उद्धार के लिए वामन रूप में अवतरित हुए। तब राजा बलि राज्य में सुख-शांति और समृद्धि के लिए अश्वमेध यज्ञ करवा रहे थे। तब भगवान विष्णु वामन रूप में राजा बलि के पास पहुंचे।