Lord Shiva: आखिर क्यों बांधा जाता है शिव जी के त्रिशूल पर लाल वस्त्र? जानिए कारण
भगवान शंकर की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। शिव जी (Lord Shiva) की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता का आगमन होता है। वहीं आज हम भोलेनाथ के मंदिर के एक खास प्रतीक चिन्ह के बारे में बताएंगे जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है तो चलिए जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान शिव की पूजा का हिंदू धर्म में खास महत्व है। ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यदि आप किसी समस्या से लगातार परेशान हैं, तो आपको भोलेनाथ की आराधना अवश्य करनी चाहिए।
वहीं, आज हम शिव जी (Lord Shiva) के मंदिर के एक मुख्य प्रतीक चिन्ह के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में बहुत कम लोगों को पता है, तो आइए जानते हैं -
त्रिशूल पर लाल रंग का वस्त्र क्यों बांधा जाता है?
ऐसा कहा जाता है कि लाल रंग का सीधा संबंध मंगल ग्रह से है। प्रचलित कथाओं के अनुसार, एक बार मंगल ग्रह ने देवों के देव महादेव की घोर तपस्या की, जिससे भोलेनाथ बहुत प्रसन्न हुए। इसके बाद उन्होंने शिव जी के सदा निकट रहने का वरदान मांगा, जिस पर उन्होंने ग्रहों के चक्र से दूर रहने की बात कही। हालांकि मना करने के बाद ग्रह मंगल ने उनसे अपने प्रतीक चिन्ह को उनके निकट रहने की अभिलाषा रखी।
ये बात तो सभी लोग जानते हैं कि भगवान शंकर औघड़दानी हैं, जिसके चलते उन्होंने लाल रंग के वस्त्र को अपने त्रिशूल पर सदैव के लिए बांध लिया। तभी से यह सनातन धर्म की एक प्रमुख प्रथा बन गई है, जो आज भी मानी जाती है।
इसके अद्भुत लाभ
ऐसी मान्यता है कि जो लोग शिव जी के त्रिशूल पर लाल रंग का वस्त्र बांधते हैं, उन्हें मंगल दोष से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही कुंडली से उनका अशुभ प्रभाव समाप्त होता है। ऐसे में जो साधक शिव जी के साथ मंगल देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें यह शुभ कार्य अवश्य करना चाहिए।
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