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Hawan: इन लकड़ियों से करें हवन, हर कष्ट से छुटकारा मिलने के साथ होगी सुख-समृद्धि की प्राप्ति

Why worship Agni is important किसी भी यज्ञ पूजन में हवन का सर्वाधिक महत्व होता है और कोई भी हवन अग्नि के बिना पूरा नहीं होता। जाने क्यों है धार्मिक अनुष्ठान में अग्नि पूजा का महत्व। इसके साथ ही किस लकड़ियों से हवन करना है शुभ।

By Jagran NewsEdited By: Shivani SinghPublished: Mon, 09 Jan 2023 03:19 PM (IST)Updated: Mon, 09 Jan 2023 03:32 PM (IST)
Hawan: इन लकड़ियों से करें हवन, हर कष्ट से छुटकारा मिलने के साथ होगी सुख-समृद्धि की प्राप्ति

नई दिल्ली, Offer These Things To Hawan: यदि आप ग्रहों की शांति या सुख समृद्धि के लिए हवन करने जा रहे हैं, तो उसके लिए अग्नि की पूजा अनिवार्य है। कहा जा सकता है कि गणेश की तरह ही अग्नि भी प्रथम पूज्य है। अग्नि को सर्वाधिक पवित्र माना गया है। इसमें आहुति डालकर मनुष्य के सारे पाप, कष्ट और दुख भस्म हो जाते हैं। कुछ विशिष्ट आहुतियां आपकी अनेक समस्याओं का अंत कर सकती हैं। पंडित रामजी बाजपेई से जाने, किस कार्य के लिए कितनी आहुति और किस प्रकार की अग्नि लाभप्रद होती है।

आम की लकड़ी पर आहुति

यदि प्रातः काल आम की लकड़ी में अग्नि प्रज्वलित करके, हवन सामग्री में बराबर मात्रा में गूग्गल मिलाया जाए। इसके बाद इस सामग्री की 27 आहुतियां अग्नि में दें, तो घर में सुख शांति बनी रहेगी। यह कार्य सप्ताह में एक बार अवश्य करें। इसी प्रकार यदि प्रातः काल आम की लकड़ी पर अग्नि जलाने के बाद, घी में डूबी दूब 108 बार अर्पित करें। इससे दुर्घटना या आने वाली बाधा टल जाएगी। याद रखें यह कार्य पंडित के आपको दुर्घटना या बाधा योग बताने पर ही करें।

गूलर की लकड़ी पर

यदि सप्ताह में एक बार गूलर की लकड़ी पर अग्नि जलायें। इसके बाद चावल, चीनी और दूध की खीर बनाकर शाम के समय इस अग्नि में 27 बार समर्पित करें, तो आपको नियमित धन की प्राप्ति होगी।

खैर की लकड़ी पर

यदि हवन सामग्री में बराबर मात्रा में गुड़ मिलाकर, शाम के समय खैर की लकड़ी पर अग्नि प्रज्वलित कर, 27 बार समर्पित करें, तो कर्ज से निश्चित मुक्ति मिलेगी। यह कार्य हर 15 दिन में एक बार करना चाहिए।

पीपल की लकड़ी पर

बृहस्पतिवार के दिन प्रातः काल पीपल की लकड़ी पर अग्नि प्रज्वलित करें। इसके बाद पीली सरसों से अपनी उम्र की गिनती से आहुति दें। तो आपका विवाह शीघ्र हो सकता है। याद रखें विवाह होने तक, यह कार्य प्रत्येक बृहस्पतिवार को करें और सरसों के दाने उतने ही ले जितनी आपकी उम्र है।

शमी की लकड़ी पर

शनिवार के दिन सायंकाल शमी की लकड़ी प्रज्वलित करें। इसमें काले तिल से 19 बार आहुति दें। यह आहुति प्रत्येक शनिवार की शाम को दें। अगर नौकरी नहीं मिल रही थी तो इस कार्य के बाद शीघ्र अति शीघ्र मिल जाएगी।

Pic Credit- Freepik

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।


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