Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष के दूसरे दिन इस समय करें भगवान शिव की पूजा, मिलेगी पितृ दोष से मुक्ति
Pitru Paksha 2023 धार्मिक मत है कि पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु लोक में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। पितृ देवतुल्य होते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 28 Sep 2023 12:18 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Pitru Paksha 2023: हर वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर अमावस्या तक पितृ पक्ष मनाया जाता है। इसकी शुरुआत भाद्रपद की पूर्णिमा तिथि से होती है। इस वर्ष 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर तक पितृ पक्ष है। इस दौरान साधक अपने पितरों को तर्पण देते हैं। साथ ही पितरों का श्राद्ध कर्म और पिंडदान किया जाता है। धार्मिक मत है कि पितरों की पूजा करने से व्यक्ति को मृत्यु लोक में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं। पितृ देवतुल्य होते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन में ढेर सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए पितरों की पूजा अनिवार्य है। साथ ही भगवान शिव की पूजा करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। अगर आप पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो पितृ दोष के दूसरे दिन इस समय में भगवान शिव की पूजा करें। आइए, पंचांग और शिव पूजन का सही समय जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है। इसके बाद पितृ पक्ष की द्वितीया शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 1 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 41 मिनट तक है।
ध्रुव योग
पितृ पक्ष के दूसरे दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण संध्याकाल 04 बजकर 27 मिनट तक है।अभिजीत मुहूर्त
पितृ पक्ष के पहले दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक है।