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Maa Sharda Puja Significance: दिवाली पर अवश्य करें मां शारदा की पूजा, जानें इस पूजा का महत्व

Maa Sharda Puja Significance दिवाली के दिन माता शारदा की पूजा की जाती है। मां शारदा को माता सरस्वती भी कहा जाता है। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ ही माता शारदा की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 14 Nov 2020 12:47 PM (IST)
Maa Sharda Puja Significance: दिवाली पर अवश्य करें मां शारदा की पूजा, जानें इस पूजा का महत्व
Maa Sharda Puja Significance: दिवाली के दिन माता शारदा की पूजा की जाती है। मां शारदा को माता सरस्वती भी कहा जाता है। मां शारदा ज्ञान, विद्या और बुद्धि की देवी मानी जाती है। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ ही माता शारदा की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा के साथ-साथ मां शारदा की पूजा भी की जाती है। आइए ज्योतिषाचार्य पं. दयानंद शास्त्री से जानते हैं कि शारदा पूजा का महत्व-

मां शारदा की पूजा का महत्व:

मां शारदा की पूजा कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को की जाती है। विद्यार्थियों को इस दिन मां शारदा की पूजा जरूर करना चाहिए। इससे उन्हें विद्या में सफलता प्राप्त होती है। इस दिन मां शारदा की पूजा विशेष फलदायी होती है। मां शारदा की पूजा करने से व्यक्ति की विद्या अर्जन में आ रही सभी परेशानी समाप्त हो जाती है।

माता शारदा की पूजा केवल विद्यार्थियों के लिए ही नहीं बल्कि व्यापार करने वाले वाले के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। गुजरात की बात करें तो दिवाली के दिन लोग नए बहीखातों की शुरुआत करते हैं। दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को धन और संपन्नता में बढ़ोतरी मिलती है। साथ ही ज्ञान में भी बढ़ोतरी होती है। गुजरात में शारदा पूजा को चोपड़ा पूजा भी कहा जाता है।

शारदा पूजा 2020 तिथि और शुभ मुहूर्त:

14 नवंबर 2020

शारदा पूजा 2020 शुभ चौघड़िया मुहूर्त:

अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत)- दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शाम 4 बजकर 07 मिनट तक

सायाह्न मुहूर्त (लाभ)- शाम 5 बजकर 28 मिनट से शाम 7 बजकर 07 मिनट तक

रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- रात 8 बजकर 47 मिनट से रात 1 बजकर 45 मिनट तक

उषाकाल मुहूर्त (लाभ)- सुबह 5 बजकर 04 मिनट से सुबह 6 बजकर 44 मिनट तक (15 नवंबर 2020)

अमावस्या तिथि प्रारम्भ- दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से (14 नवंबर 2020)

अमावस्या तिथि समाप्त- अगले दिन सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक (15 नवंबर 2020)

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '