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पूजा-अर्चना के बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोला गया

पटना। बोधगया में रविवार को महाबोधि मंदिर परिसर और आसपास हुए सीरियल बम धमाके की जांच एनआइए ने शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने गृह मंत्रालय को फौरी रिपोर्ट भी भेजी है। एसपी चंदन कुमार कुशवाहा ने कहा कि अन्य फुटेज एनआइए की टीम को सौंप दिए गए हैं। गया प्रशासन ने सोमवार को कुछ वीडियो फुटेज जारी भी कि

By Edited By: Updated: Tue, 09 Jul 2013 12:32 PM (IST)
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पटना। बोधगया में रविवार को महाबोधि मंदिर परिसर और आसपास हुए सीरियल बम धमाके की जांच एनआइए ने शुरू कर दी है। जांच एजेंसी ने गृह मंत्रालय को फौरी रिपोर्ट भी भेजी है।

एसपी चंदन कुमार कुशवाहा ने कहा कि अन्य फुटेज एनआइए की टीम को सौंप दिए गए हैं। गया प्रशासन ने सोमवार को कुछ वीडियो फुटेज जारी भी किए। इसी के साथ सोमवार शाम को पूजा के बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। आतंकी घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कयास लगाने की जरूरत नहीं है। जांच एजेंसी अपना काम कर रही है। उसे समय मिलना चाहिए। मंदिर परिसर की सुरक्षा सीआइएसएफ को सौंपे जाने के संबंध में गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआइएसएफ की तैनाती पर जो भी खर्च आएगा, उसे राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने बताया कि घटना के संबंध में श्रीलंका के राष्ट्रपति और बाहर के लोगों ने फोन पर जानकारी ली है। घटना का फुटेज जारी करते हुए उप विकास आयुक्त गिरिवल दयाल सिंह व सिटी एसपी चंदन कुमार कुशवाहा ने दावा किया कि मंदिर परिसर में लगाए गए 16 में 15 सीसीटीवी कैमरे काम कर रहे थे, हालांकि, फुटेज मात्र चार कैमरे का ही दिखाया गया। ऊपर से फुटेज में घटना की तारीख छह जुलाई दिखाई जा रही है। उसमें बोधिवृक्ष के समीप पहला ब्लास्ट सुबह 5 बजकर 40 मिनट 27 सेंकेड में दिखाया गया है। विस्फोट होने पर बोधिवृक्ष की छांव में सफाई कर रहा एक कर्मी भागता है। तभी विपरीत दिशा से एक व्यक्ति टहलते हुए विस्फोट क्षेत्र में जाता है और दूसरी तरफ से निकल जाता है। जिसे पुलिस संदिग्ध मान रही है।

मंदिर पर हमले के खिलाफ लद्दाख बंद-

बिहार के बोध गया में महाबोधि मंदिर पर आतंकवादी हमले के विरोध में सोमवार को लद्दाख संपूर्ण बंद रहा है। हमले से आहत लद्दाख वासियों ने मंदिर का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग बुलंद की।1हमले के खिलाफ एकजुटता का परिचय देते हुए लद्दाख की सभी राजनीतिक पार्टियों, विभिन्न धार्मिक संगठनों ने एक मंच पर आ मांग की कि सांप्रदायिक सौहार्द को निशाना बनाने के लिए हमले करने वालों को बख्शा न जाए। लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन व लद्दाख गोंपा एसोसिएशन के खिलाफ सोमवार सुबह दस बजे शांतिपूर्ण तरीके से विरोधी रैली का आयोजन किया गया। इसके बाद पोलो ग्राउंड में जनसभा का आयोजन किया गया। इसमें हिस्सा लेने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ी। लेह जिले में दुकानें बंद रही व ट्रैफिक भी बंद रही। इसमें भाजपा, पीडीपी, कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस जैसी पार्टियों के नेताओं के साथ अंजुमन इमामिया व अंजुमन इस्लाम के पदाधिकारियों के साथ क्षेत्र के लोग मौजूद थे। कार्यक्त्रम में मांग की गई कि केंद्र, बिहार सरकार धार्मिक स्थल पर हुए हमले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को सामने लाए। इस दौरान आरोप भी लगे कि केंद्र बौद्ध धर्म के साथ नाइंसाफी कर रहा है।6लोगों ने उठाई मंदिर प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग

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