Yamuna Ji Ki Aarti: आज करें यमुना जी के मंत्र और आरती का पाठ, नहीं होगाी अकाल मृत्यु
Yamuna Ji Ki Aarti कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। इस दिन यमुन स्नान कर उनकी आरती का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है...
Yamuna Ji Ki Aarti: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यम और उनकी बहन यमुना के पूजन का विधान है। पौराणिक कथा है कि इसी दिन यमुना जी के सत्कार से प्रसन्न होकर यमराज ने वरदान दिया था। जो कोई यम द्वितीया के दिन यमुना नदी में में स्नान करता है उसे अकाल मृत्यु और नर्क की यतनाओं से मुक्ति मिलती है। कार्तिक माह में विशेष रूप से यमुना नहाने और उनका पूजन करने का विधान है। यम द्वितीया के दिन यमुन स्नान कर उनकी आरती का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से सभी प्रकार के रोग और दोष समाप्त होते हैं और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है...
यमराज का मंत्र –
धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज। पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तु ते।।
यमुना का मंत्र –
यमस्वसर्नमस्तेऽसु यमुने लोकपूजिते। वरदा भव मे नित्यं सूर्यपुत्रि नमोऽस्तु ते।।
यमुना जी की आरती -
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता,
जो नहावे फल पावे सुख सुख की दाता
ॐ पावन श्रीयमुना जल शीतल अगम बहै धारा,
जो जन शरण से कर दिया निस्तारा
ॐ जो जन प्रातः ही उठकर नित्य स्नान करे,
यम के त्रास न पावे जो नित्य ध्यान करे
ॐ कलिकाल में महिमा तुम्हारी अटल रही,
तुम्हारा बड़ा महातम चारों वेद कही
ॐ आन तुम्हारे माता प्रभु अवतार लियो,
नित्य निर्मल जल पीकर कंस को मार दियो
ॐ नमो मात भय हरणी शुभ मंगल करणी,
मन 'बेचैन' भय है तुम बिन वैतरणी
ॐ ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
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