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Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी के दिन बन रही है इन शुभ योग की युति, जानें इसका महत्व

योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कठिन व्रत का पालन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही परिवार में खुशहाली आती है। इस साल योगिनी एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी। इसलिए इस दिन कठिन व्रत का पालन करें और पूजा-अर्चना करें।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 01 Jul 2024 10:16 AM (IST)
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Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी शुभ योग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। योगिनी एकादशी का दिन बेहद शुभ माना जाता है। यह अषाढ़ महीने में कृष्ण पक्ष के दौरान मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ तिथि पर साधक व्रत और पूजा-पाठ करते हैं, क्योंकि यह दिन जगत के पालनहार श्री हरि भगवान विष्णु को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई, 2024 को रखा जाएगा।

वहीं, इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी, तो चलिए जानते हैं -

योगिनी एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर होगा। उदयातिथि को देखते हुए 02 जुलाई को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

योगिनी एकादशी 2024 मुहूर्त और पारण समय

योगिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 08 बजकर 42 मिनट से पूरे दिन रहेगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 27 मिनट से पूरे दिन होगा। वहीं, इसका पारण 3 जुलाई सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 07 बजकर 10 मिनट तक के बीच होगा। इसके अलावा द्वादशी तिथि का समापन 3 जुलाई सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर होगा।

योगिनी एकादशी का धार्मिक महत्व

योगिनी का दिन अपने आप में बहुत कल्याणकारी होता है। इस दिन लोग भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने और आध्यात्मिक रूप से आगे बढ़ने के लिए उपवास रखते हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार के पूजा अनुष्ठान करते हैं। योगिनी एकादशी का पालन करने से मानसिक शुद्धि, आत्म-साक्षात्कार और श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।