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Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी पर बन रहे हैं ये शुभ योग, पूजा का मिलेगा दोगुना लाभ

योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा घर खुशियों से भरा रहता है। इस साल यह (Yogini Ekadashi 2024) एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी तो चलिए इस दिन से जुड़ी बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 23 Jun 2024 03:26 PM (IST)
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Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी शुभ योग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में एकादशी तिथि बहुत शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस कठिन व्रत का पालन करने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा घर खुशियों से भरा रहता है। इस साल यह (Yogini Ekadashi 2024) एकादशी 02 जुलाई को मनाई जाएगी। वहीं, अगर इस शुभ तिथि पर, आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त करना है, तो आपको उनकी शुभ समय पर पूजा जरूर करनी चाहिए, तो आइए जानते हैं -

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योगिनी एकादशी शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, योगिनी एकादशी के दिन 2 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। पहला सर्वार्थ सिद्धि योग 2 जुलाई, को सुबह 05 बजकर 27 मिनट से लेकर अगले दिन 3 जुलाई को सुबह 04 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं, त्रिपुष्कर योग 2 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट से 3 जुलाई को सुबह 04 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

योगिनी एकादशी कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 01 जुलाई को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 02 जुलाई को सुबह 08 बजकर 42 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, 02 जुलाई को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा।

भगवान विष्णु पूजन मंत्र

  • ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
  • ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।

    ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।